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रांची : अब और बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है कुरमी समाज, 29 अप्रैल को मोरहाबादी में होगा महाजुटान : रामटहल

रांची : झारखंड कुरमी संघर्ष मोर्चा द्वारा आयोजित 29 अप्रैल के कुरमी/कुड़मी : महाजुटान को लेकर मोर्चा की बैठक आरटीसी स्कूल बूटी मोड़ में हुई. पूर्व मंत्री छत्रुराम महतो की अध्यक्षता में हुई बैठक में रांची जिले के सभी प्रखंडों के संयोजक मंडली के सदस्यों ने भाग लिया. सांसद रामटहल चौधरी ने कहा कि अब […]

रांची : झारखंड कुरमी संघर्ष मोर्चा द्वारा आयोजित 29 अप्रैल के कुरमी/कुड़मी : महाजुटान को लेकर मोर्चा की बैठक आरटीसी स्कूल बूटी मोड़ में हुई. पूर्व मंत्री छत्रुराम महतो की अध्यक्षता में हुई बैठक में रांची जिले के सभी प्रखंडों के संयोजक मंडली के सदस्यों ने भाग लिया.

सांसद रामटहल चौधरी ने कहा कि अब कुरमी समाज को सजग रहने की आवश्यकता है. कुरमी/कुड़मी समाज वर्षों से अपनी पुरानी मांगों को लेकर आंदोलन करते आ रहा है. लिहाजा और कितना दिन बर्दाश्त करेंगे.

कुरमी/कुड़मी समाज की एकजुटता एवं अनुशासन के मुद्दे पर 29 अप्रैल को कुरमी महाजुटान में एकजुटता का परिचय देंगे. श्री चौधरी ने कहा कि सरकार को हमारी मांगों पर फैसला लेना होगा. केंद्र सरकार को हम इस मुद्दे पर लगातार आगाह कर रहे हैं. अत: राज्य सरकार को भी तत्काल सकारात्मक पहल करनी चाहिये.

राजनीतिक दलों के नेताओं को भेजा गया है आमंत्रण : पूर्व सांसद सह कुरमी महाजुटान के मुख्य संयोजक शैलेंद्र महतो ने कहा कि कुरमी महाजुटान में सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों को आमंत्रित किया जायेगा, जिसमें मुख्यमंत्री रघुवर दास, नेता विपक्ष हेमंत सोरेन, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अजय कुमार, झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल हैं.

कुरमी के संबंध में इनके क्या विचार हैं, इसी मंच से खुलासा होगा. पूर्व मंत्री सह मांडू विधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने कहा कि 29 अप्रैल को कुरमी महाजुटान झारखंड के सभी राजनीतिक दलों के लिये बड़ी चुनौती होगी. इसका परिणाम आनेवाले चुनाव में दिखेगा.

अत: सभी राजनीतिक दलों को कुरमी समाज की वर्षों पुरानी मांग पर अपनी राय स्पष्ट करनी चाहिए. पूर्व मंत्री लालचंद महतो ने कहा कि हम अपने हक अधिकार की इस लड़ाई में एकजुट हैं, हमारा समाज अब जाग गया है. समाज के इस आंदोलन से सभी राजनीतिक दलों को सबक मिलेगा. पूर्व मंत्री छत्रुराम महतो ने कहा कि हमारी पहचान को मिटाने के लिये हमें अपने हक से वंचित किया गया है और इसी कारण से हमें आदिवासी की सूची में भी हटा दिया गया है.

डॉ राजाराम महतो ने कहा कि यह लड़ाई पूरे देश की राजनीति को प्रभावित करेगी. बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष रणधीर चौधरी, जिप सदस्य मीणा देवी, डॉ रूद्रनारायण महतो, प्यारेलाल महतो, भुवनेश्वर महतो, चिंतामणि महतो, मनेश महतो, संतोष महतो, डॉ धनेश्वर महतो, कार्तिक महतो, संजय महतो, सेवालाल महतो आदि उपस्थित थे.

बुंडू़ : इधर, महाजुटान की तैयारी को लेकर बुंडू के सुमानडीह गांव और बुंडू के आइटीआइ कॉलेज सभागार में सभा का आयोजन किया गया. महाजुटान के संयोजक सह पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो ने कहा कि यह महाजुटान राज्य की सबसे बड़ी रैली होगी. कहा कि पश्चिम बंगाल और ओड़िशा में कुरमी को पुन: जनजाति में शामिल करने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के पास अनुशंसा कर दी है.

मांडू के विधायक सह पूर्व मंत्री जयप्रकाश भाई पटेल ने कहा कि कुरमी समाज की हालत आदिवासी समाज से भी बदतर है. आदिवासी समाज में अनेक आइएएस, आइपीएस हैं. झारखंड अलग होने के बाद कुरमी समाज हाशिये पर चला गया. पेसा कानून से पंचायत में भी जगह नहीं मिली. पूर्व ऊर्जा मंत्री लालचंद महतो ने कहा कि कुरमी समाज के बलिदान से ही झारखंड बना है, लेकिन झारखंड में सिर्फ आदिवासी समाज ही एकतरफा लाभ ले रहा है.

पूर्व मंत्री छत्रुराम महतो ने कहा कि चार दशकों से चली आ रही हमारी मांग को सरकार को गंभीरता से लेना होगा. मौके पर कुरमाली भाषा परिषद के अध्यक्ष डॉ राजाराम महतो, योगेश्वर महतो, निरंजन महतो, मुक्तिपद महतो, देवेंद्र महतो, महाबीर महतो, दुबराज महतो, दिनेश, परिक्षित, राजू महतो आदि मौजूद थे.

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