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बुरा न मानो होली है : बीवी हो तो ऐसी, वर्ना…

बुरा न मानो होली है. होली के रंगीले त्योहार में रंगीनियत भरा माहौल न हो, तो बात कुछ बेमानी सी हो जाती है. भारतीय संस्कृति परंपरा में ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमंते तत्र देवता:’ जैसे सूत्र वाक्य प्रचलित हैं, जिसका अर्थ यह होता है कि ‘जहां नारियों की पूजा की जाती है, वहां देवताओं का वास […]

बुरा न मानो होली है. होली के रंगीले त्योहार में रंगीनियत भरा माहौल न हो, तो बात कुछ बेमानी सी हो जाती है. भारतीय संस्कृति परंपरा में ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमंते तत्र देवता:’ जैसे सूत्र वाक्य प्रचलित हैं, जिसका अर्थ यह होता है कि ‘जहां नारियों की पूजा की जाती है, वहां देवताओं का वास होता है.’ अब सोचने वाली बात यह है कि सदियों पहले संस्कृत के इस सूत्र वाक्य को जिस किसी ने भी गढ़ा होगा, वह भारत में नारियों के ऐसे चरित्र को अपने दिमाग में संजोया होगा, जो सही मायने में पूजनीय होंगी. नारी यानी ‘न अरी यस्य सा नारी’ अर्थात ‘जो किसी की दुश्मन या फिर वैरी न हो, वही नारी है.’

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हमारे ही देश में बड़े-बुजुर्गों का कहना है कि एक नारी ही घर को स्वर्ग बनाती है और एक नारी किसी घर को नर्क बना देती है. यह बात यूं ही नहीं कही गयी है. इसके पीछे भी समाज का बहुत बड़ा तर्क है. इसके पीछे कई तथ्य मौजूद हैं. हर सफल व्यक्ति के पीछे किसी महिला का हाथ होता है, लेकिन सभी व्यक्ति तो सफल नही होते. इसका मतलब यह हुआ कि असफल व्यक्तियों के पीछे भी महिलाओं का ही हाथ होता है.

सही मायने में देखा जाये, तो पत्नी ही एक ऐसी व्यक्ति है, जो अपने पति को सही दिशा दिखाती है और उसकी उन्नति अथवा परिवार की प्रगति में उसका ताउम्र साथ निभाती रहती है, जिससे घर में सुख शांति का माहौल भी बना रहता है. इसी लिए हर मर्द चाहता है, उसे एक ऐसी बीवी मिले, जो उसे और उसके पूरे परिवार को संभाले और घर परिवार में खुशहाली लाये .

सोचिये, अगर शादी होने के बाद आपके जीवन में मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़े, तो फिर आप कोई भी काम करने की इच्छा करे, लेकिन हर जगह असफलता मिले, तो इसकी क्या वजह हो सकती है? आपकी शादी को भी ज्यादा वक्त नहीं हुआ हो और अचानक ऐसी परिस्थितियां पैदा होने लग जाये, तो इसका सिर्फ एक ही मतलब हो सकता है कि जिस साथी को आप अपने जीवन में तरक्की की सीढ़ी समझ कर लाये थे, वह आपकी नाकामयाबी का एक फल निकलेगी. भगवान भेदभाव नहीं करते, लेकिन अगर आपकी पत्नी में ये बुराइयां होंगी, तो उसका भुगतान आपको और आपके पूरे परिवार को करना होगा. क्या हो सकती है वो बुराइयां?

देर तक विश्राम करने वाली महिलाएं बनती हैं दुख का कारण

मेक माई फीड डॉट कॉम के अनुसार, वह महिला जिसे देरी तक विश्राम करने और सोने की आदत हो, ऐसी स्त्री दुखदायी होती है. एक कुशल गृहणी का कर्त्तव्य होता है कि सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर अपने बाकी के कार्यों को करना शुरू कर दे. अगर वह ऐसा नहीं करती है, तो इसका बहुत ही बुरा परिणाम पूरे परिवार को भुगतना पड़ता है.

सजना के लिए संवरने में ही समय व्यर्थ करना खतरनाक

आम तौर पर महिलाओं के मन में अपने सजना के आगे सबसे सुंदर दिखने की होड़ लगी रहती है. इसके लिए वह अपने पतियों पर साज-शृंगार का सामान लाने और फिर सारा समय सजने में व्यतीत करती हैं. इससे होता यह है कि उनका समय सजने में व्यतीत होने से घर-परिवार के अन्य सदस्य नाराज हो जाते हैं. इसका प्रभाव उस महिला के साथ ही उसके पति के जीवन पर भी नकारात्मक तरीके से पड़ता है, जिससे उनकी प्रगति थम सी जाती है. इसके साथ ही, घर में आर्थिक तंगी का माहौल बनता है, सो अलग से.

बातूनी महिलाएं भी घर-परिवार का पहुंचाती हैं नुकसान

आम तौर पर कहा यह जाता है कि भारत की दो महिलाएं एक साथ बैठ जाएं और उनमें बात न हो, तो समझो दोनों में बैर है या फिर वे दोनों एक-दूसरे को पसंद नहीं करतीं. महिलाओं का बातूनी होना भी घर-परिवार को नुकसान पहुंचाता है. कई बार बातूनी महिलाएं अपने पड़ोसिनों को वैसी राज भी बता देती हैं, जिसका पता उनके पति के अलावा सिर्फ उन्हें ही होता है. इसका कारण यह होता है कि अक्सर महिलाओं के पेट में कोई बात ही नहीं पचती. सही मायने में देखा जाये, बातूनी महिलाएं जितना समय अपनी पड़ोसिनों से बात करने में नष्ट करती हैं, उतना वक्त अपने परिवार की प्रगति पर दें, तो उनकी प्रगति कोई रोक नहीं सकता.

जलनशीलता से भी बाधित होती है प्रगति

दूसरे की उन्नति को देखकर जलने की प्रवृत्ति स्त्री और पुरुषों में प्राय: एक समान होता है, लेकिन कहा यह भी जाता है कि स्त्रियों में इसकी अधिकता शायद अधिक होती है. जलनशीलता का दुष्परिणाम यह होता है कि ऐसी स्त्रियां ज्यादा से ज्यादा समय अपने पड़ोसियों, जेठ अथवा देवरों या परिवार के अन्य सदस्यों की उन्नति को देखकर पति को उकसाने में व्यतीत करती हैं. सही मायने में देखा जाये, तो यदि महिलाएं इन बातों पर ध्यान देकर जीवन में प्रगति के बारे में सोचें और उसके लिए अपने पतियों को सलाह दें, तो उनकी प्रगति अन्य लोगों से बेहतर हो सकती है.

नोट : बुरा न मानो होली

Prabhat Khabar Digital Desk
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