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झारखंड : स्थानीय व नियोजन नीति का मुद्दा फिर गरमाया, सदन से सड़क तक हो चुका है विरोध, पक्ष भी उठा रहा सवाल

विपक्ष के बाद अब सत्ता पक्ष ने भी उठाया है सवाल अर्जुन मुंडा के आवास पर घंटे भर बंद कमरे में विधायकों की गुफ्तगू रांची : पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा अचानक प्रदेश की राजनीति में हलचल के केंद्र बन गये है़ स्थानीय व नियोजन नीति से नाराज विधायक बुधवार को मंत्री सरयू राय से मुलाकात […]

विपक्ष के बाद अब सत्ता पक्ष ने भी उठाया है सवाल
अर्जुन मुंडा के आवास पर घंटे भर बंद कमरे में विधायकों की गुफ्तगू
रांची : पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा अचानक प्रदेश की राजनीति में हलचल के केंद्र बन गये है़ स्थानीय व नियोजन नीति से नाराज विधायक बुधवार को मंत्री सरयू राय से मुलाकात के बाद सीधे श्री मुंडा के पास पहुंचे़ विधायक एक-एक कर श्री मुंडा के आवास पर जुटने लगे थे़
बंद कमरे में विधायकों ने श्री मुंडा से बातचीत की़ राजनीतिक गलियारे में दिन पर इसको लेकर राजनीतिक पारा चढ़ा रहा़ तरह-तरह की चर्चाएं हो रही थी़
विधायकों ने वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा की और अपने एजेंडे बताये़ विधायकों ने स्थानीय नीति को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज करायी़ सरकार की नीतियों से लेकर क्षेत्र की समस्या पर चर्चा हुई़ आने वाले दिनों में चुनावी परिदृश्य पर भी चर्चा की़ श्री मुंडा से बातचीत के बाद एक-एक कर विधायक शिवशंकर उरांव, लक्ष्मण टूडू, जय प्रकाश वर्मा, योगेश्वर महतो बाटुल, विमला प्रधान, मेनका सरदार और गंगोत्री कुजूर निकले़
भाजपा के आधा से अधिक विधायक गैर अनुसूचित क्षेत्र से
रांची : स्थानीय नीति लागू होने के दो वर्ष बाद भाजपा में खलबली है. गैर अनुसूचित क्षेत्र में नियोजन नीति को लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं. भाजपा के आधे से अधिक विधायक अब मुखर हुए हैं. इसके पीछे राजनीतिक मायने भी है.
गैर अनुसूचित क्षेत्र में भाजपा की पकड़ है. वर्तमान विधानसभा में इसके आधे से अधिक 43 में 26 विधायक गैर अनुसूचित क्षेत्र के 11 जिलों से चुन कर आये हैं. इन जिलों के दो-चार विधायकों को छोड़ दें तो बाकी स्थानीय नीति के संशोधन के पक्ष में हैं. स्थानीय नीति के संशोधन को लेकर सीएम को पत्र लिखने वालों में इसमें कई विधायक शामिल हैं.
पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि जिस प्रकार 14 अधिसूचित जिलों में जनजाति, मूलवासी सदान वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए जिला रोस्टर के आधार पर तृतीय व चतुर्थ वर्ग के पदों पर नियुक्ति लिए अगले 10 वर्षों तक के लिए आरक्षित किया गया है, उसी प्रकार 11 गैर अधिसूचित जिलों के मूलवासी-सदान एवं जनजाति अभ्यर्थियों के लिए नियोजन को फ्रीज किया जाये. क्योंकि इसको लेकर क्षेत्र की जनता में आक्रोश है. गैर अधिसूचित 11 जिलों में पूरे भारत के अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं. इन पर रोक लगाने की जरूरत है.
गैर अधिसूचित 11 जिलों में भाजपा विधायक
गढ़वा : सत्येंद्र नाथ तिवारी
पलामू : आलोक चौरसिया, रामचंद्र चंद्रवंशी, राधाकृष्ण किशोर
चतरा : गणेश गंझू, जय प्रकाश भोक्ता
हजारीबाग : जानकी यादव, मनीष जायसवाल
कोडरमा : नीरा यादव
गिरिडीह : निर्भय शाहबादी, नागेंद्र महतो, केदार हाजरा, जयप्रकाश वर्मा
बोकारो : योगेश्वर महतो, विरंची नारायण, अमर बाउरी
धनबाद : फूलचंद मंडल, राज सिन्हा, संजीव सिंह, ढुल्लू महतो
गोड्डा : अमित मंडल, अशोक कुमार
देवघर : राज पलिवार, रणधीर सिंह, नारायण दास

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