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झारखंड : शिक्षा सबसे जरूरी चीज, ऐसी व्यवस्था हो कि शिक्षा में पैसा बाधक न बने : बाबूलाल
शिक्षा सबसे जरूरी चीज है, इससे ही समाज में आ सकता है परिवर्तन रांची : पूर्व मुख्यमंत्री व झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने कहा कि विकास के लिए सड़क, बिजली, पानी जैसे आधारभूत चीजें महत्वपूर्ण हैं, पर सबसे जरूरी चीज शिक्षा है. इससे ही परिवर्तन आ सकता है. रांची में भी कारुण्या इंस्टीट्यूट जैसे अच्छे […]
शिक्षा सबसे जरूरी चीज है, इससे ही समाज में आ सकता है परिवर्तन
रांची : पूर्व मुख्यमंत्री व झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने कहा कि विकास के लिए सड़क, बिजली, पानी जैसे आधारभूत चीजें महत्वपूर्ण हैं, पर सबसे जरूरी चीज शिक्षा है. इससे ही परिवर्तन आ सकता है. रांची में भी कारुण्या इंस्टीट्यूट जैसे अच्छे शिक्षण संस्थानों की आवश्यकता है. पर पैसे के अभाव में झारखंड के प्रतिभावान बच्चे अच्छे संस्थानों में दाखिले से वंचित रह जाते हैं. यहां ऐसी व्यवस्था बनानी होगी, जिसमें शिक्षा के लिए पैसा बाधक न बने.
श्री मरांडी सोमवार को कारुण्या इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस के तत्वावधान में आयोजित कॉन्क्लेव ट्रांसफॉर्मिंग झारखंड में बोल रहे थे.श्री मरांडी ने कहा कि आजादी के 70 सालों में झारखंड में विकास के नाम पर 35 लाख एकड़ जमीन का अधिग्रहण हुआ. इसमें बड़े-बड़े कारखाने बने, पर उसमें झारखंडियों को नौकरी नहीं मिली. उलटे उन्हें अपनी जमीन से हाथ धोना पड़ा. इसलिए यहां के लोग अब जमीन नहीं देना चाहते हैं. आइआइएम रांची के निदेशक डॉ शैलेंद्र सिंह ने कहा कि आइआइएम में फीस ज्यादा है, पर हमारे संस्थान में प्रवेश परीक्षा में कोई प्रतिभावान छात्र पास करता है, तो पैसा बाधक नहीं बनता है, क्योंकि उसे आसानी से बैंक लोन मिल जाता है. आइआइएम व आइआइटी में प्रतिभा का सम्मान होता है.
इस मौके पर डॉ पॉल दिनाकरन ने झारखंड में सकारात्मक परिवर्तन, विकास अौर खुशहाली की कामना की. कार्यक्रम में श्रम मंत्री राज पालिवार, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कारुण्या इंस्टीट्यूट के चीफ ऑपरेटिव ऑफिसर एमजे अकबर सहित अन्य ने भी अपने विचार व्यक्त किये.
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