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झारखंड : राजबाला वर्मा ने चारा घोटाले में भेजे गये नोटिस का दिया जवाब, कहा, चाईबासा कोषागार में गलत हो रहा है, इसका आभास नहीं था

विवेक चंद्र रांची : मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने चारा घोटाले में भेजे गये नोटिस का जवाब सरकार को सौंप दिया है. उन्होंने कार्मिक विभाग को सीलबंद लिफाफे में जवाब भेजा है. कार्मिक सचिव ने इसे सीएम के पास भेज दिया. सूत्र बताते हैं कि राजबाला वर्मा ने चाईबासा कोषागार से हुई फर्जी निकासी के […]

विवेक चंद्र
रांची : मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने चारा घोटाले में भेजे गये नोटिस का जवाब सरकार को सौंप दिया है. उन्होंने कार्मिक विभाग को सीलबंद लिफाफे में जवाब भेजा है. कार्मिक सचिव ने इसे सीएम के पास भेज दिया.
सूत्र बताते हैं कि राजबाला वर्मा ने चाईबासा कोषागार से हुई फर्जी निकासी के लिए कोषागार पदाधिकारी को जवाबदेह ठहराया है. उन्होंने कहा है कि चाईबासा में डीसी के रूप में काम करते हुए कोषागार से हुई फर्जी निकासी से संबंधित किसी तरह की सूचना उनके पास नहीं थी. कुछ गलत हो रहा है, इसका आभास तक
नहीं था. कोषागार से संबंधित मामलों की निगरानी सीधे-सीधे उपायुक्त द्वारा नहीं की जाती है. यह कोषागार पदाधिकारी की जिम्मेवारी है. उपायुक्त को अन्य कई महत्वपूर्ण काम होते हैं. इनमें विधि-व्यवस्था से संबंधित कर्तव्य भी शामिल हैं.
उपायुक्त सरकार से मिले आदेशों के आलोक में निरीक्षण करते रहते हैं. सूत्रों के अनुसार, उन्होंने अपने जवाब में लिखा है कि कोषागार पदाधिकारी को उपायुक्त के लिए निकासी से संबंधित मासिक रिपोर्ट तैयार करनी पड़ती है.
ऐसे में कोषागार पदाधिकारी को गड़बड़ी की जानकारी देते हुए उपायुक्त को रिपोर्ट करनी चाहिए थी, जो कि उनके कार्यकाल में कभी नहीं की गयी. उन्होंने अपने जवाब में उपायुक्त के रूप में अन्य जिलों में किये गये कार्यों और कर्तव्यनिष्ठ छवि का उल्लेख भी किया है. कहा है कि उनकी कर्तव्यनिष्ठा पर प्रश्न उठाना सही नहीं है. अधिकारी के रूप में उन्होंने हमेशा सही तरीके से कर्तव्य निभाया है.
क्या है मामला
चारा घोटाले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने महसूस किया था कि राजबाला वर्मा ने चाईबासा के उपायुक्त के रूप में काम करते हुए अपनी भूमिका सही तरीके से नहीं निभायी. कार्य में लापरवाही बरती. इसके मद्देनजर कोर्ट ने सरकार को अपने स्तर से उनके खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया था. इसके बाद राज्य सरकार ने वर्ष 2003 से ही दो दर्जन से अधिक बार उन्हें शो-कॉज देकर जवाब देने को कहा था. हालांकि, अब से पहले उन्होंने एक बार भी नोटिस का जवाब नहीं दिया था.
आवास बोर्ड में गड़बड़ी का मामला : आइएएस अधिकारी अविनाश कुमार पर नहीं चलेगा मुकदमा
रांची : आवास बोर्ड में हुई गड़बड़ी को लेकर आइएएस अधिकारी अविनाश कुमार (तत्कालीन एमडी) के खिलाफ मुकदमा नहीं चलेगा. महाधिवक्ता की राय पर मुख्य सचिव ने उनके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति नहीं दी. निगरानी की ओर से अविनाश कुमार के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति की मांग की गयी थी. सरकार ने इसे विचारार्थ महाधिवक्ता के पास भेजा था.
महाधिवक्ता ने साक्ष्यों की जांच के बाद अभियोजन स्वीकृति नहीं देने की राय दी थी. इससे संबंधित फाइल करीब एक वर्ष से मुख्य सचिव के पास लंबित थी. मुख्य सचिव ने अब महाधिवक्ता की राय पर सहमति व्यक्त की है. फाइल अंतिम निर्णय के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजी गयी है.

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