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भानु व प्रदीप समेत 22 पर आरोप पत्र

रांची: सीबीआइ ने शुक्रवार को दवा घोटाले में तत्कालीन मंत्री भानु प्रताप शाही और आइएएस अधिकारी प्रदीप कुमार सहित 22 अभियुक्तों के विरुद्ध पूरक आरोप पत्र दायर किया. पहले आरोप पत्र में सात अभियुक्तों का नाम था. पूरक आरोप पत्र में 15 नये अभियुक्तों का नाम शामिल किया गया है. अभियुक्तों पर साजिश रच कर […]

रांची: सीबीआइ ने शुक्रवार को दवा घोटाले में तत्कालीन मंत्री भानु प्रताप शाही और आइएएस अधिकारी प्रदीप कुमार सहित 22 अभियुक्तों के विरुद्ध पूरक आरोप पत्र दायर किया. पहले आरोप पत्र में सात अभियुक्तों का नाम था. पूरक आरोप पत्र में 15 नये अभियुक्तों का नाम शामिल किया गया है. अभियुक्तों पर साजिश रच कर मनमाने तरीके से दवा और सहित अन्य सामग्री खरीदने, सरकार को 38.65 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने और अधिकारियों द्वारा 58.60 लाख रुपये घूस लेने का आरोप लगाया गया है.

अभियुक्तों में दो संयुक्त सचिव: डीएसपी बीके सिंह ने सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत में 235 पृष्ठों का पूरक आरोप पत्र दायर किया. 15 नये अभियुक्तों में दो संयुक्त सचिव, बिना पद के ही एनआरएचएम में संविदा पर नियुक्त एक कंसल्टेंट, लखनऊ की दवा कंपनी के चार निदेशक, व्यापारिक प्रतिष्ठान क्राफ्ट के दो मालिक, सिटी एडवरटाइजर नामक एजेंसी केमालिक के अलावा दवा सहित मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति से जुड़े पांच सप्लायर शामिल हैं.

सीबीआइ ने दवा घोटाले के पूरक आरोप पत्र में तत्कालीन मंत्री व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर घूस लेने का आरोप लगाया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व मंत्री सहित तत्कालीन अधिकारियों ने सप्लायरों से मिल कर मनमाने ढंग से दवा और मेडिकल उपकरणों की खरीद की. सप्लायरों को लाभ पहुंचाने के लिए कानून की अनदेखी की गयी. बाजार से कई गुना ज्यादा कीमत पर दवाइयां व मेडिकल उपकरणों की खरीदारी हुई. इससे सरकार को 38 करोड़ 65 लाख 98 हजार 219 रुपये का नुकसान हुआ. सप्लायरों ने मंत्री व अफसरों को 58.60 लाख रुपये घूस दिये. इसमें तत्कालीन मंत्री भानु प्रताप शाही को 16.94 लाख, तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव प्रदीप कुमार 18.16 लाख और सियाराम प्रसाद को 3.18 लाख रुपये का घूस दिया गया. सप्लायरों ने तत्कालीन आरसीएच अधिकारी डॉ विजय शंकर नारायण सिंह और तत्कालीन ड्रग कंट्रोलर मदन मोहन प्रसाद को 7.57-7.57 लाख रुपये बतौर घूस दिये. वित्तीय अनियमितता रोकने के आरसीएच में प्रतिनियुक्त महालेखाकार के तत्कालीन अधिकारी प्रद्युत मुखर्जी को 5.18 लाख रुपये बतौर घूस दिये गये.

दूसरे हिस्से में पहले से आरोपित
तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री भानु प्रताप शाही, तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव सह वर्तमान खाद्य आपूर्ति सचिव प्रदीप कुमार, तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव( अब सेवानिवृत्त) सियाराम प्रसाद, तत्कालीन आरसीएच अधिकारी डॉ विजय शंकर नारायण सिंह, तत्कालीन ड्रग कंट्रोलर मदन मोहन प्रसाद, एनआरएचएम में पदस्थापित महालेखाकार कार्यालय के अधिकारी प्रद्युत मुखर्जी और श्यामल चक्रवर्ती का नाम शामिल है.

नये आरोपियों के नाम: कुमार लाल देव, ब्रज किशोर मुंडा, कुंज बिहारी गोयल, ज्योति गोयल, धीरेंद्र कुमार सिंह, रोहित कुमार, राहुल कुमार, प्रदीप अग्रवाल, प्रवीण अग्रवाल,संगीता अग्रवाल, प्रीति अग्रवाल, संजय मिश्र, रंजीता मिश्र, संजीव चितलांगिया.राजेश चितलांगिता

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