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झारखंड : 108 एंबुलेंस सेवा व मुख्यमंत्री बीमा योजना स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांति : सीएम

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि पैसों या चिकित्सा सुविधा के अभाव में किसी की मौत न हो, यह हमारी सरकार की प्राथमिकता है. हमारी सरकार इस लक्ष्य के साथ कार्य कर रही है जिसमें समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को […]

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि पैसों या चिकित्सा सुविधा के अभाव में किसी की मौत न हो, यह हमारी सरकार की प्राथमिकता है. हमारी सरकार इस लक्ष्य के साथ कार्य कर रही है जिसमें समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को उत्तम स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो. सीएम शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन में 108 एंबुलेंस सेवा और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना की समीक्षा कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 108 एंबुलेंस सेवा और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांति लाने का काम करेगी. राज्य में मातृत्व-शिशु मृत्यु दर के साथ अन्य लोगों की मृत्यु दर में भी कमी आयेगी. स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर व सहायक कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित करें, ताकि मरीज आये, तो इलाज हो सके. रात में काम करनेवाले सभी कर्मियों को नाइट एलाउंस दें. प्रोफेशनल तरीके से काम करने पर कार्यप्रणाली सुव्यवस्थित हो सकेगी.उन्होंने कहा कि एंबुलेंस सेवा को आपातकालीन मेडिकल सेवा 108 का नाम दें, ताकि हर व्यक्ति इसका काम समझ सके. सीएम ने कहा कि राज्य के जनजातीय व अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र में पहले यह सेवा शुरू करें. इन क्षेत्रों में 108 के अलावा अतिरिक्त एंबुलेस की सुविधा बहाल करें. इन्हीं क्षेत्रों में अभी स्वास्थ्य सेवाओं की काफी कमी है.
सीएम ने एंबुलेंस में ऐसी व्यवस्था करने का निर्देश दिया है कि इमरजेंसी की स्थिति में गर्भवती महिला की डिलिवरी भी वहां हो सके. सीएम ने कहा कि मार्च तक सभी 329 एंबुलेंस कार्यरत हो जायें, इसे सुनिश्चित करें. सीएम ने कहा कि योजनाएं तो हमेशा अच्छी बनती हैं, लेकिन सही तरीके से लागू नहीं होने के कारण गरीबों तक लाभ नहीं पहुंच पाता है. हमें इसका ध्यान रखना है.
सीएम ने पहले चरण में दिसंबर तक सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, पाकुड, खूंटी, साहेबगंज, पलामू, गढ़वा जैसे जिलों में सेवा की शुरुआत करने का निर्देश देते हुए कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में जहां जनसंख्या है, उन क्षेत्रों में एंबुलेंस की संख्या बढ़ायें. जीपीएस के माध्यम से सभी की रियल टाइम मॉनिटरिंग होती रहनी चाहिए. घटनास्थल पर एंबुलेंस निश्चित समय पर पहुंचे, इसे सुनिश्चित करें. नियमित रूप से इन सेवाओं का निरीक्षण करें.
इसे पुलिस और अग्निशमन सेवा के साथ भी जोड़ें. 108 पर दुर्घटना, अपराध और आग लगने की सूचना दी जा सके ताकि तीनों में समन्वय रहे. विभाग के पास जो 200–250 सामान्य एंबुलेंस है, उनको भी अपग्रेड कर उपयोग में लायें. उन्होंने ममता वाहन व्यवस्था को भी सुचारू करने का निर्देश देते हुए कहा कि राज्य में मृत्युदर कम करना हमारा लक्ष्य है. इसके लिए पैसे की कमी आड़े नहीं आयेगी. योजना का लाभ गरीब तक पहुंचाना चाहिए. श्री दास ने कहा कि ममता वाहन के लिए केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही राशि में जो कमी है, उस राशि का भुगतान राज्य सरकार करेगी.
श्री दास ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के सभी लाभुकों के लिए कैंप लगाकर कार्ड जारी करने का निर्देश दिया. 28 दिसंबर तक सभी लाभुकों को कार्ड मिल जाये, इसे सुनिश्चित करने को कहा. उन्होंने कहा कि नवनियुक्त ब्लॉक और डिस्ट्रिक्ट को-अॉर्डिनेटर को कार्ड बनाने के काम से जोड़ा जायेगा. अस्पतालों की सूची में राज्य के सरकारी अस्पतालों को भी शामिल करें. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि 108 नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा है.
329 एंबुलेंस में से 289 बेसिक लाइफ सपोर्ट श्रेणी की और 40 एंबुलेंस एडवांस लाइफ सपोर्ट श्रेणी की हैं. इनमें 26–30 स्वास्थ्य संबंधी उपकरण लगे हैं. इन एंबुलेंस में मरीज का इलाज करते हुए अस्पताल तक पहुंचाया जायेगा. यह सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहेगी. 2000 लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, अपर मुख्य सचिव अमित खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार समेत अन्य लोग उपस्थित थे.

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