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प्रभात खबर से बातचीत, देश की बात करता हूं, पॉलिटिक्स में जाने का विचार नहीं : अनुपम खेर
मशहूर फिल्म अभिनेता अनुपम खेर मंगलवार को प्रभात खबर कार्यालय पहुंचे़ वह अपनी नयी फिल्म रांची डायरीज के प्रमोशन के लिए राजधानी आये थे़ पूरी फिल्म टीम के साथ श्री खेर ने प्रभात खबर के साथ अपने अनुभव साझा किये़ मौके पर प्रभात खबर ने इस संजीदा कलाकार से बातचीत की़ श्री खेर ने बेबाकी […]
मशहूर फिल्म अभिनेता अनुपम खेर मंगलवार को प्रभात खबर कार्यालय पहुंचे़ वह अपनी नयी फिल्म रांची डायरीज के प्रमोशन के लिए राजधानी आये थे़ पूरी फिल्म टीम के साथ श्री खेर ने प्रभात खबर के साथ अपने अनुभव साझा किये़ मौके पर प्रभात खबर ने इस संजीदा कलाकार से बातचीत की़ श्री खेर ने बेबाकी से अपनी बातें रखी.
फिल्म रांची डायरीज की विषय वस्तु क्या है?
खेर : यह फिल्म छोटे शहर की महत्वाकांक्षा पर आधारित है़ युवाओं के छोटे-छोट सपने का दर्शाया गया है़ अपनी सफलता के लिए युवा किस तरह से शॉर्टकट अपनाते हैं, उसे दिखाया गया है़ यह कॉमेडी फिल्म है़ मनोरंजन भरपूर है़ इस फिल्म में एक आम आदमी अपने को खोज सकता है़ यह हर लोगों की कहानी है़ किरदार भी दमदार है.
रांची जैसे छोटे शहर पर फिल्म बनाने में कोई रिस्क है कि नहीं?
खेर : मैंने जिंदगी को दूसरे अंदाज में जिया है़ रिस्क लेने से नहीं डरता हू़ं आज से 36 वर्ष पहले मुंबई नहीं जाता, तो आज आपके सामने नहीं होता़ जिंदगी के रास्ते में मुश्किलें बहुत हो सकती हैं, लेकिन प्रोत्साहन भी मिलता है़ जिंदगी से हौसला मिलता है़ मैं असफलताओं से नहीं डरता़ इस संदर्भ में मुझे आचार्य रजनीश की बातें याद है कि आप जीवन मेें कोशिश करते हैं, तो असफलताओं का खतरा रहता है, लेकिन आप कोशिश ही नहीं करते हैं, फिर असफलता तो तय ही है़.
33 वर्ष पहले फिल्म सारांश में बुजुर्ग का दमदार किरदार, फिर करमा के विलेन डॉ डेन, ऐसी कोई भूमिका जो अब भी छूट रही है, जिसे करना चाहते हैं?
खेर : यह सवाल मुझसे 33 वर्ष बाद करे़ं अभी तो लंबा सफर तय करना है़ अभी इंटरवल भी नहीं हुआ है़ बहुत काम करना है़ मैं थकने वाला इंसान नहीं हू़ं
2019 को लेकर कोई तैयारी
खेर : आपका मतलब पॉलिटिक्स से है़ मैं देश की बात करता हू़ं आज मुश्किल यह है कि कोई जब देश की बात करता है, तो लगता है कि वो पॉलिटिक्स में जायेगा या जा रहा है़ देश की बात करने का मतलब यह नहीं है कि पॉलिटिक्स में जा रहा हू़ं अभी पॉलिटिक्स में जाने का कोई विचार नहीं है़ ऐसे भी परिवार का एक सदस्य काफी है़ अभी हमारी ऐसी कोई इच्छा नहीं है़.
हिंदी और अंग्रेजी उपन्यास के लिए लेखकों को करेंगे पुरस्कृत
अभिनेता अनुपम खेर ने कहा है कि वह देश की प्रतिभाओं को आगे लाना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि वह कहानियों और उपन्यास के लिए अनुपम खेर अवार्ड शुरू कर रहे हैं. उन्होंने आम लोगों से आग्रह किया है कि वे अपनी कहानियां और उपन्यास भेजें. अंग्रेजी और हिंदी में चयनित लेखकों को एक लाख रुपये और प्रमाण पत्र दिया जायेगा़ उन्हें अनुपम खेर अवार्ड से नवाजा जायेगा़ उन्होंने कहा कि झारखंड के संदर्भ में भी बेहतरीन कहानियां मिलेंगी, तो वह आगेे भी फिल्म बनायेंगे़
हमेशा सकारात्मक रहें, सफलता जरूर मिलेगी
रांची डायरीज के स्टार हिमांश कोहली और सौंदर्या शर्मा अपनी फिल्म प्रमोशन के सिलसिले में प्रभात खबर आये. अपने बारे में, अपने सपनों और आकांक्षाओं के बारे में, अपने स्ट्रगल और मेहनत के बारे में उन्होंने बातें की. फिल्मों में कैरियर बनाने की चाह रखनेवालों के लिए टिप्स भी दिये. पेश है उनसे की गयी बातचीत के प्रमुख अंश :
आप दोनों दिल्ली से हैं. मुंबई जाकर फिल्मों में मौका कैसे हासिल किया?
सौंदर्या : मैं शुरू से ही एक्ट्रेस बनना चाहती थी. मैंने थिएटर ग्रुप एक्ट वन ज्वाइन किया. एनएसडी का वर्कशॉप किया. मुंबई में स्ट्रगल किया. लोगों से मिली. काम मांगा. मैंने कई बार ऑडिशन दिया. इसी दौरान रांची डायरीज के निर्देशक सात्विक मोहंती सर से मिली. अंत में मुझे काम मिल गया. यह मेरी पहली फिल्म है.
हिमांश : मैंने बैचलर इन जर्नलिज्म का कोर्स किया है. मैं रेडियो मिर्ची में आरजे था. फिर चैनल वी के लिए एक सीरियल में काम किया. मेरी किस्मत अच्छी थी कि मैं नोटिस किया गया. मुझे यारियां फिल्म ऑफर की गयी. बस मैं फिल्मों में आ गया. उसके बाद कुछ और फिल्मों में भी काम किया, पर वह हिट नहीं हुईं. अब रांची डायरीज से मुझे काफी उम्मीदें हैं.
आप दोनों नये हैं. बॉलीवुड में कास्टिंग काउच पर काफी बातें होती हैं. आपका अनुभव क्या रहा?
सौंदर्या : मैं भी सुना है बॉलीवुड में कास्टिंग काउच के बारे में. सच पूछिए तो मुझे लगता भी है कि नये अभिनेता कास्टिंग काउच के शिकार होते हैं. पर, मैं इस मामले में काफी खुशकिस्मत हूं. मेरे साथ अब तक तो कुछ गलत नहीं हुआ. इसलिए मैं विश्वास करती हूं कि हर जगह अच्छे लोग भी होते हैं, जो बुराई पर हमेशा ही हावी रहते हैं.
हिमांश : अब मैं इस पर क्या कहूं. मेरे पास कास्टिंग काउच का कोई अनुभव नहीं है.
फिल्म या टीवी में कैरियर बनाने की चाह रखने वाले युवाओं के लिए कोई टिप्स?
सौंदर्या : नेवर गिव अप. हमेशा पॉजिटिव रहें. खुद पर विश्वास कभी न छोड़ें. मैंने यही किया और सफलता भी मिली.
हिमांश : मेहनत करें. छोटी बातें दिल पर न लगायें. ज्यादा चीजें याद ना करें. अपना लक्ष्य हमेशा सामने रखें. उसे पाने के लिए मेहनत करें. सफलता जरूर मिलेगी.
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