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भारत यात्रा सामान्य लोक जागरण यात्रा नहीं, बल्कि युद्ध है

रांची . कैलाश सत्यार्थी बाल यौन शोषण और ट्रैफिकिंग को समाप्त करने और इसके खिलाफ केंद्रीय कानून बनाने की मांग को लेकर भारत यात्रा पर निकले हुए हैं. यह यात्रा कन्याकुमारी से 11 सितंबर को आरंभ हुई है आैर दिल्ली में 16 अक्तूबर को समाप्त होगी. यह यात्रा सोमवार को रांची से आरंभ हुई जो […]

रांची . कैलाश सत्यार्थी बाल यौन शोषण और ट्रैफिकिंग को समाप्त करने और इसके खिलाफ केंद्रीय कानून बनाने की मांग को लेकर भारत यात्रा पर निकले हुए हैं. यह यात्रा कन्याकुमारी से 11 सितंबर को आरंभ हुई है आैर दिल्ली में 16 अक्तूबर को समाप्त होगी. यह यात्रा सोमवार को रांची से आरंभ हुई जो बिहार होते हुए दिल्ली तक जायेगी. स्टेट गेस्ट हाउस में श्री सत्यार्थी ने कहा कि यह यात्रा एक सामान्य लोक जागरण की यात्रा नहीं है, बल्कि बच्चों के साथ बलात्कार और देह व्यापार के खिलाफ एक युद्ध है.

भारत एक तरफ तरक्की कर रहा है पर एक तरफ अनैतिकता का एहसास है जो हमें भीतर ही भीतर खोखला कर रहा है. देश में हर घंटे आठ बच्चे चोरी किये जाते हैं और दो बच्चों के साथ बलात्कार होता है. कोई ऐसा दिन नहीं होता जहां हमारा सिर शर्म से झुक नहीं जाता है.

दो साल, तीन साल की बेटियों से मिला हूं. जिनके साथ बलात्कार हुए हैं. बहुत बच्चे इतने सदमे में हैं कि बोल नहीं सकते. कई लोग सामाजिक मर्यादा की वजह से बोलते नहीं. 10 साल पहले एक रिपोर्ट आयी थी कि भारत में 53 फीसदी बच्चों के साथ यौन शोषण होता है. बच्चे समझ नहीं पाते. हम भी इस पर ज्यादा बोल नहीं पाते. लेकिन किसी न किसी को बोलना पड़ेगा. मैंने संकल्प लिया कि मैं नहीं बोलूंगा तो कौन बोलेगा. आज इस मुद्दे पर दुनिया में पहली बार कोई आंदोलन इस बुराई के खिलाफ खड़ा हो रहा है.

सख्त कानून बनाने की मांग
श्री सत्यार्थी ने कहा कि देश में ट्रैफिकिंग के खिलाफ कोई कानून नहीं है. जो हैं भी वो एक सामान्य कानून है. ऐसा कानून नहीं है जो अपराधियों को दंड दे सके और पीड़ित को न्याय और पुनर्वास दिला सके. मैं इसके लिए सख्त कानून बनाने की मांग कर रहा हूं. सरकार ने कहा है कि कानून बनायेंगे. श्री सत्यार्थी ने पोक्सो कानून की चर्चा करते हुए कहा कि यह एक अच्छा कानून है. लेकिन इसके क्रियान्वयन की जरूरत है. इस कानून में पिछले साल 15 हजार केस दर्ज हुए थे. इसमें चार फीसदी मामलों में सजा हुई. छह प्रतिशत मामलों में दोषी छूट गये और 90 फीसदी मामले लंबित हैं. ये मजाक है इतने अच्छे कानून के साथ. श्री सत्यार्थी ने कहा कि एक बात और इस यात्रा में जोड़ी है कि बच्चों के खिलाफ हिंसा न हो और न ही हिंसा में उनका इस्तेमाल हो. दुर्भाग्य है कि झारखंड,छत्तीसगढ़ और कश्मीर में बच्चों को इस्तेमाल किया जा रहा है. कश्मीर में दूसरे तरह का मामला है. वहां बच्चों से पत्थर फिंकवाये जाते हैं. उन्हें शील्ड की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है.
बच्चों का इस्तेमाल न करें नक्सली
श्री सत्यार्थी अपील करते हुए कहाकि कृप्या झारखंड के नक्सली बच्चों का इस्तेमाल न करें. वो जो न्याय की बात करते हैं वह लड़ाई बंदूक से नहीं बल्कि किताब, कलम और कंप्यूटर से जीती जा सकती है. नक्सली उनका इस्तेमाल अपने लिए न करें. दुनिया में न्याा और समानता किताब और कलम से ही आयेगी. बच्चों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें.
यात्रा को प्रधानमंत्री का भी है समर्थन
श्री सत्यार्थी ने कहा कि यात्रा को प्रधानमंत्री का समर्थन है. कई मुख्यमंत्री भी शामिल हैं. न्यायपालिका के लोग भी हैं. इसमें नया चीज हुआ है कि सभी धर्मों के गुरुओं को भी शामिल किया गया है. धर्मगुरुओं द्वारा भी यौन शोषण के मामले में श्री सत्यार्थी ने कहा कि सारे धर्मगुरु ऐसे नहीं होते हैं. जो ऐसे लोग हैं उनके खिलाफ आवाज उठनी चाहिए.

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