रांची : रिनपास नियुक्ति और प्रोन्नति घोटाले में राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हेमलाल मुर्मू से आज एसीबी की टीम ने लंबी पूछताछ की. पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र प्रसाद और हेमलाल मुर्मू पर एसीबी की शिकंजा कसता जा रहा है. एसीबी की जांच के दायरे में रिनपास के पूर्व डायरेक्टर डॉ अमूल रंजन और डॉ अशोक कुमार नाग भी हैं. जबकि पूर्व स्वास्थ्य सचिव बीके त्रिपाठी पर भी एसीबी की नजर है.
रिनपास नियुक्ति और प्रोन्नति घोटाले में इन पांचों के अलावा दस और लोगों के खिलाफ एसीबी ने मामला दर्ज कराया था. उसी के सिलसिले में एसीबी की टीम आज अचानक हेमलाल मुर्मू के आवास पर पहुंच गयी और उनसे लंबी पूछताछ की. एसीबी कोर्ट द्वारा 27 अगस्त को दिये गये आदेश के बाद इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी है.
पूछताछ के बाद मीडिया से बचने के लिए हेमलाल पिछले दरवाजे से निकल गये. मीडिया के प्रतिनिधि हेमलाल से मामले की जानकारी लेने के लिए सामने दरवाजे के पास इंतजार ही करते रह गये. हेमलाल में पूछताछ में क्या बताया या फिर उनसे किस प्रकार की पूछताछ की गयी इसके बारे में बताने से अभी एसीबी ने इनकार किया है. उन्होंने कहा कि अभी जांच प्रकिया में है, जैसे ही जांच पूरी होगी, मीडिया को बता दिया जायेगा.
एसीबी के अनुसार रिनपास के डायरेक्टर पद पर डॉ अमूल रंजन की बहाली अवैध तरीके से हुई थी. इसी सिलसिले में जांच चल रही है. एसीबी की टीम पिछले साल दो फरवरी से ही जांच कर रही है. इस मामले में हेमंत सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे राजेंद्र प्रसाद सिंह, स्वास्थ्य सचिव बीके त्रिपाठी, रिनपास निदेशक डॉ अमूल रंजन के खिलाफ प्राइमरी इंक्वायरी (पीई) दर्ज कर एसीबी ने छानबीन शुरू की थी. जांच में गड़बडि़यां सही मिलने पर एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई की गयी.
इनके खिलाफ हुई एफआईआर
एसीबी ने इस पूरे मामले में जिन लोगों पर एफआईआर किया है, उनमें पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र सिंह, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हेमलाल मुर्मू, पूर्व स्वास्थ्य सचिव बीके त्रिपाठी, रिनपास के दो पूर्व निदेशक डॉ. अमूल रंजन व डॉ अशोक कुमार नाग, रिनपास के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ मनीषा किरण, डॉ मसरूर जहां, डॉ कप्तान सिंग सेंगर, डॉ पवन कुमार सिंह व डॉ बलराम प्रसाद, रिनपास के कर्मचारी अनिल कुमार साहू, दिवाकर सिंह, रंजन कुमार दास व सुरेंद्र कुमार रोहिला शामिल हैं.