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प्रभात स्टिंग: 12 बजे खुलता है ब्लॉक ऑफिस का लॉक, चार घंटे होता है काम

सरकार की विकास योजनाएं प्रखंड कार्यालयों के माध्यम से ही जमीन पर उतरती हैं. सरकार का लगातार प्रयास है कि आम लोगों तक उनकी योजनाएं पहुंचे. इसके लिए मुख्यमंत्री लगातार पहल भी कर रहे हैं. अधिकारियों को आम लोगों तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाने का निर्देश भी दिया है. पर कुछ अधिकारियों के रवैये […]

सरकार की विकास योजनाएं प्रखंड कार्यालयों के माध्यम से ही जमीन पर उतरती हैं. सरकार का लगातार प्रयास है कि आम लोगों तक उनकी योजनाएं पहुंचे. इसके लिए मुख्यमंत्री लगातार पहल भी कर रहे हैं. अधिकारियों को आम लोगों तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाने का निर्देश भी दिया है. पर कुछ अधिकारियों के रवैये से प्रखंड स्तर पर कामकाज का तरीका सुधर नहीं रहा. प्रभात खबर की अलग-अलग टीम ने रांची के ओरमांझी, कांके, नगड़ी, रातू व नामकुम प्रखंड में सोमवार को पूरा दिन गुजारा. इस दौरान कई चौंकानेवाली बातें सामने आयी, जो प्रखंड कार्यालयों की बदतर कार्यशैली को बयां करती हैं.

रांची: प्रखंड कार्यालयों के खुलने का समय सुबह 10 बजे है. सरकारी निर्देश के अनुसार, अधिकारियों व कर्मचारियों को 10 से 10.30 बजे तक कार्यालय में उपस्थित होकर कामकाज शुरू कर देना है. लेकिन ब्लॉक कार्यालयों में दिन के 12 बजे के बाद ही काम शुरू होता है़ औसतन चार घंटे ही प्रखंडों में काम हो रहा है़ ओरमांझी, कांके, नगड़ी, रातू व नामकुम प्रखंड में अधिकतर अधिकारी और कर्मचारी 11 बजे के बाद पहुंचे. इन्हें हाजिरी बनाने और अपने टेबल तक पहुंचने में दिन के 12 बज गये. इसके बाद काम शुरू हुआ. इससे पहले कहीं कुरसियां खाली थीं, कहीं दरवाजे पर ताले लटके थे़ साहब से लेकर बाबू तक देर से पहुंचे. चार बजे से लौटने का सिलसिला भी शुरू हो गया. अपने काम को लेकर साहब-बाबू का इंतजार कर रहे जरूरतमंद और परेशान-बेहाल आम लोग इधर-उधर भटकते रहे.

ओरमांझी प्रखंड

11 बजे से पहुंचने का सिलसिला 12़ 30 बजे तक साहब नहीं पहुंचे

प्रखंड विकास पदाधिकारी : नहीं आये, बताया गया बैठक में रांची गये

अंचलाधिकारी : 11.15 बजे अाये

पशुपालन पदा : 11.30 तक नहीं आये

कार्यक्रम पदाधिकारी (मनरेगा) : 12.15 तक कमरा बंद था

पंचायती राज पदाधिकारी : 12.15 तक नहीं आये

बाल विकास परियोजना पदाधिकारी : 12.15 तक नहीं आये

नगड़ी प्रखंड

11़ 10 बजे बीडीओ, 12़ 30 बजे तक नहीं खुले दूसरे कार्यालय

सीओ : 11.25 में आये

शिक्षा प्रसार पदाधिकारी : 12.30 तक कार्यालय में ताला लगा था

कृषि पदाधिकारी : 12.30 तक कार्यालय में ताला लगा था

कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा : 12.30 तक कार्यालय में ताला लगा था

बाल विकास परियोजना पदाधिकारी : 12.30 तक नहीं आये थे

रातू प्रखंड

साहब पहुंचे 12 बजे

अंचलाधिकारी : 12 बजे

सहकारिता पदाधिकारी :12 के बाद

कल्याण पदाधिकारी :12 के बाद

पंचायती राज पदा :12 तक नहीं पहुंचे

सहायक अभियंता : 12 तक नहीं पहुंचे

नामकुम : सिर्फ सीअो के भरोसे था प्रखंड
कांके : अधिकारियों का इंतजार करते रहे लोग

भटकते रहे लोग, साहेब-सहायक सब नदारद

रातू प्रखंड मुख्यालय

11 बजे तक होता रहा झाड़ू-पोछा

12 बजे तक नहीं दिखे पदाधिकारी

रांची. रातू प्रखंड मुख्यालय के अधिकतर कार्यालयों में सोमवार को दिन के 11 बजे तक झाड़ू-पोछा होता रहा. 12 बजे तक कोई भी पदाधिकारी यहां नहीं पहुंचे थे. केवल बीडीअो अपने दफ्तर में जरूरी कामकाज निबटा कर उपायुक्त की बैठक में भाग लेने के लिए निकल गये थे. यहां के अंचलाधिकारी अमर प्रसाद 12 बजे तक कार्यालय नहीं पहुंचे. अंचल निरीक्षक भी नहीं पहुंचे थे. उनके कार्यालय में 10.30 बजे तक कोई नहीं था. सारी कुर्सियां खाली थीं. इसके बाद एक कर्मी पहुंचा. अमीन भी 10.30 बजे पहुंचे. इसके ठीक पहले कर्मियों के बैठने वाले कमरे में एक महिला झाड़ू कर रही थी. महिला ने कमरे में झाड़ू लगाने के बाद कॉरिडोर की सफाई की. तब तक सीअो साहब का चेंबर नहीं खुला था. पूछने पर बताया गया कि साहब के आने के बाद ही चेंबर खुलेगा. ऐसे में अभी सफाई भी नहीं हो रही है.

प्रखंड मुख्यालय में ही एक छत के नीचे प्रखंड कल्याण पदाधिकारी, सहकारिता पदाधिकारी, प्रभारी कृषि पदाधिकारी, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी बैठते हैं. अंचलाधिकारी कार्यालय के ठीक सामने कतार से इन अफसरों का चेंबर है. इन सारे पदाधिकारियों के कमरे में ताला लटका रहा. ये पदाधिकारी भी दिन के 12 बजे तक नहीं पहुंचे. इनके कार्यालय के कर्मचारी एक-एक करके 11 बजे तक पहुंचे. प्रखंड मुख्यालय के ठीक दक्षिण की दिशा में समेकित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी का कार्यालय है. यह कार्यालय भी 11 बजे तक नहीं खुला. इसके बाद सफाई के लिए एक कर्मी आया. उसने कार्यालय का ताला खोला. 12 बजे तक यहां कोई भी पदाधिकारी नहीं पहुंचे. सब नदारद रहे. 12 बजे तक पूरे प्रखंड मुख्यालय परिसर में सन्नाटा पसरा रहा.

अधिकारियों व कर्मियों के इंतजार में खड़े रहे लोग

प्रखंड के विभिन्न इलाकों से लोग भारी बारिश के बावजूद यहां पहुंचे थे. किसी को कृषि से संबंधित काम था, तो किसी को सीअो से मिलना था. वे कॉरिडोर में खड़ा होकर कर्मियों व अधिकारियों के आने का इंतजार करते रहे. पूछने पर सत्यप्रकाश नाम के एक व्यक्ति ने बताया कि उन्हें दूसरे काम से रांची जाना था, लेकिन यहां कर्मियों का इंतजार करते काफी देर हो गयी है. वह बताते हैं कि अक्सर यहां देर से ही कर्मी पहुंचते हैं. कर्मचारी तो आ भी जाते हैं, लेकिन साहब हमेशा लेट आते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों से आये लोगों ने बताया कि यहां 12 से तीन-चार बजे तक ही काम होता है. इस कारण हमलोगों को काफी परेशानी होती है. इससे पहले भी हम कई बार अपने काम से यहां आये, लेकिन अधिकारियों व कर्मचारियों के समय से नहीं आने के कारण बिना काम कराये ही लौटना पड़ा. बार-बार आने में काफी परेशानी होती है़

नगड़ी प्रखंड मुख्यालय

दोपहर बाद तक बंद थे कई कार्यालय

ग्रामीणों के हाथ निराशा लगी

रांची. दिन के 10 बजे नगड़ी प्रखंड मुख्यालय का ताला खुलने से पहले ही लद्दा आैर बसिला गांव के आधा दर्जन से अधिक लोग पहुंच गये थे. बुजुर्ग शमीम अंसारी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन देकर पिछले तीन महीने में 50वीं बार प्रखंड कार्यालय आये हैं. देउरी पंचायत के बसिला गांव से एहसान, मोसिम, जहीर और जियारत रिन्युअल कराने के लिए दिये गये अपने मनरेगा जॉब कार्ड लेने के लिए पिछले एक महीने से लगातार आ रहे हैं. सोमवार को भी कार्यालय खुलते ही आ गये थे. शमसुल अंसारी को भी रिन्युअल कराने के लिए दिया गया जॉब कार्ड वापस नहीं मिला है. उनको अपने घर में शौचालय भी बनवाना है. वह बीते 15 दिनों में 10 बार कार्यालय आ चुके हैं. वहीं, डोभा योजना की लाभुक एडबरो पंचायत के लद्दा गांव की विनीता खलखो राशि लेने के लिए पिछले दो सप्ताह में आठवें दिन प्रखंड कार्यालय आयी हैं.

सुदूर गांवों से प्रखंड कार्यालय पहुंचे लोगों को सोमवार को भी निराशा ही हाथ लगी. मनरेगा कोषांग केंद्र में दोपहर बाद तक ताला लटका था. प्रखंड कृषि पदाधिकारी का कार्यालय कक्ष खुला ही नहीं था. मनरेगा के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी गायब थे. कार्यालय में बायोमेट्रिक अटेंडेंस लगा होने के बावजूद अधिकारी और कर्मचारी समय पर कार्यालय नहीं पहुंचे. प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कार्यालय ही नहीं आये. बाल विकास परियोजना पदाधिकारी की कुरसी भी खाली थी. कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने आये ग्रामीणों के पास रोज की तरह अधिकारियों का इंतजार करने के अलावा कोई चारा नहीं था. कुछ ग्रामीणों ने गायब अधिकारियों का पता पूछने का प्रयास भी किया. कर्मचारियों ने झिड़क कर उन्हें चुप करा दिया.

11.15 बजे पहुंचे बीडीओ-सीओ

नगड़ी प्रखंड कार्यालय परिसर में स्थित रिहायशी फ्लैटों में ही बीडीओ और सीओ रहते हैं. अपने फ्लैट से मुख्यालय के पहले तल्ले पर स्थित कार्यालय में बीडीओ साहब लगभग 11.15 बजे पहुंचे. थोड़ी देर अपने कमरे में बैठने के बाद उन्होंने कर्मचारियों की बैठक बुलायी. वे बैठक कक्ष में चले गये. बैठक के दौरान ही प्रशिक्षु कनीय अभियंताओं की टीम वहां पहुंच गयी. उन सबसे बातचीत के बाद बीडीओ फिर से कर्मचारियों के साथ बातचीत में मशगूल हो गये. उधर, प्रखंड कार्यालय के निचले तल पर अच्छी खासी भीड़ जमा हो गयी थी. सबसे पहले कार्यालय पहुंचने वाले कर्मचारियों में से एक अंचल निरीक्षक से मिलने के लिए बड़ी गाड़ियों से आये लोगों की कतार लग गयी थी. सीओ साहब भी 11.30 बजे अपने कार्यालय पहुंच कर फाइलों से उलझ रहे थे. बीच-बीच में वह बाहर खड़े लोगों को बुला कर मुलाकात भी कर रहे थे. हालांकि, मनरेगा कोषांग और प्रखंड शिक्षा परियोजना पदाधिकारी के कार्यालय पर दोपहर बाद तक ताला लटका रहा. बाल विकास परियोजना पदाधिकारी भी दिन के दो बजे तक अपनी कुरसी पर नहीं दिखायी दीं.

दरवाजे पर लिखा है ‘कर्म ही पूजा’, पर 11 बजे खुलता है कार्यालय

सरकार के डिलिवरी सिस्टम का सबसे महत्वपूर्ण अंग है ब्लॉक. जमीनी स्तर पर सरकार के काम को इसके माध्यम से ही आम लोगों तक पहुंचाया जा सकता है़ ब्लॉक के पदाधिकारी व कर्मचारी सरकार की योजनाओं को लेकर जितना क्रियाशील होंगे, उतनी ही जल्दी लोगों तक राहत पहुंचेगी़ सरकार इस दिशा में बेहतर करने का प्रयास भी कर रही है़ सचिवालय से लेकर प्रखंड तक काम की संस्कृति सुधारने की कोशिश हो रही है, लेकिन यह सब बेअसर है़ प्रखंडों में कामकाज के प्रति गंभीरता नहीं है़

नगड़ी प्रखंड मुख्यालय

रांची. ओरमांझी प्रखंड के कुछ पदाधिकारियों के कार्यालय कक्ष के सामने लिखा है- ‘कर्म ही पूजा है’, लेकिन इसका पालन खुद अधिकारी ही नहीं कर रहे हैं़ आलम यह है कि अधिकारी व कर्मचारी समय पर कार्यालय नहीं आते हैं़ कार्यालय ही 11 बजे खुलता है, जबकि काम करने का समय 10 बजे से है़

ओरमांझी के प्रखंड कार्यालय में पदाधिकारी व कर्मचारियों के आने का सिलसिला ही 10 बजे के बाद शुरू होता है, जो 11 बजे के बाद तक जारी रहता है. अंचल पदाधिकारी के कार्यालय का ताला तो 10़ 30 बजे खुला हुआ था, पर गेट बाहर से बंद था. अंचल कार्यालय के कर्मचारियों की कुर्सियां खाली थीं. कुरसी-टेबल की साफ-सफाई तो हुई थी, पर कोई पहुंचा नहीं था. 11 बजे तक प्रखंड विकास पदाधिकारी कार्यालय में दो कर्मचारी अपनी जगह पर बैठे थे. एक कर्मचारी समाचार पत्र पढ़ने में लगा था, तो दूसरा बैठा हुआ था. कार्यालय में कामकाज शुरू नहीं हुआ था. प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी कार्यालय में 11 बजे से बैठक होनी था. बैठक में शामिल होने के लिए कुछ लोग पहुंच भी गये थे, पर प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ही अपने कार्यालय नहीं पहुंचे थे. वे 11 बजे कार्यालय पहुंचे. आेरमांझी प्रखंड के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी का कार्यालय कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय परिसर में है. 10.30 बजे तक प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी का कार्यालय खुला ही नहीं था. इतना ही नहीं, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के कार्यालय का कोई कर्मचारी भी नहीं आया था. प्रभात खबर की टीम 12 बजे जब दोबारा प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कार्यालय पहुंची, तो देखा कि कार्यालय खुला है. प्रखंड कार्यालय में काम करने वालों के आने-जाने का सिलसिला 12 बजे तक जारी रहा. दूसरी तरफ अपने-अपने काम के लिए आये लोग परेशान दिखे.

कार्यालय आये लोगों की समस्याएं : बीडीओ ऑफिस के बाहर छात्र ऋतिक कुमार अपने काम से पहुंचे थे़ पिछले एक महीने से भाग-दौड़ करने के बाद उनका आवेदन रांची एसडीओ कार्यालय पहुंचा़ वह बताते हैं कि काफी दिनों से भाग-दौड़ कर रहे है़ं दो-दो बार आवेदन दिया, लेकिन फाइल आगे बढ़ती हीं नहीं है़ आशा देवी अपनी बेटी की छात्रवृत्ति के लिए काम कराने पहुंची थी़ उन्होंने बताया कि पिछली बार दो बजे दोपहर को बुलाया गया, लेकिन साहब नहीं मिले़ वह अपने काम के लिए इधर-उधर भटक रही थी़ सुशीला देवी को गैस का कनेक्शन लेना था, लेकिन इस बारे में कोई बताने वाला नहीं था़

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