चावल एपीएल, मध्याह्न भोजन व अंत्योदय योजना का है. वहीं कुल 261.59 क्विंटल में से 97.78 क्विंटल गेहूं जिला प्रशासन का जब्त किया हुआ है. इसके अलावा 163.91 क्विंटल लाल गेहूं तो डस्ट (धूल) में बदल चुका है. सूत्रों के अनुसार एपीएल, मध्याह्न भोजन व अंत्योदय योजना का चावल बेकार रखा रह जाना कई सवाल खड़े करता है. पूर्व के गोदाम प्रभारियों तथा तत्कालीन वरीय अधिकारियों ने इसे उक्त योजनाओं में एडजस्ट क्यों नहीं किया, इसका कारण स्पष्ट नहीं है.
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गोदाम में 11 साल से रखा है सड़ा अनाज, 836 क्विंटल चावल व 261 क्विंटल गेहूं, अनाज से अधिक सड़ गया है हमारा सिस्टम
रांची: खाद्य आपूर्ति विभाग का 836.58 क्विंटल सड़ा चावल तथा 261.59 क्विंटल सड़ा गेहूं करीब 11 साल से कडरू गोदाम में पड़ा है. गोदाम का यह अनाज सरकारी बाबुओं की लापरवाही से सड़ गया. इसमें कीड़े लग रहे हैं तथा इससे बदबू आ रही है. गोदाम प्रभारी व अन्य कनीय अधिकारी बड़े लोगों की अनुमति […]
रांची: खाद्य आपूर्ति विभाग का 836.58 क्विंटल सड़ा चावल तथा 261.59 क्विंटल सड़ा गेहूं करीब 11 साल से कडरू गोदाम में पड़ा है. गोदाम का यह अनाज सरकारी बाबुओं की लापरवाही से सड़ गया. इसमें कीड़े लग रहे हैं तथा इससे बदबू आ रही है. गोदाम प्रभारी व अन्य कनीय अधिकारी बड़े लोगों की अनुमति के इंतजार में इसे वहीं रखने को विवश हैं. यह चावल व गेहूं वर्ष 2006-07 से गोदाम में है.
चावल एपीएल, मध्याह्न भोजन व अंत्योदय योजना का है. वहीं कुल 261.59 क्विंटल में से 97.78 क्विंटल गेहूं जिला प्रशासन का जब्त किया हुआ है. इसके अलावा 163.91 क्विंटल लाल गेहूं तो डस्ट (धूल) में बदल चुका है. सूत्रों के अनुसार एपीएल, मध्याह्न भोजन व अंत्योदय योजना का चावल बेकार रखा रह जाना कई सवाल खड़े करता है. पूर्व के गोदाम प्रभारियों तथा तत्कालीन वरीय अधिकारियों ने इसे उक्त योजनाओं में एडजस्ट क्यों नहीं किया, इसका कारण स्पष्ट नहीं है.
दरअसल एक गोदाम प्रभारी से दूसरे गोदाम प्रभारी को यह अनाज लगातार ट्रांसफर किया जाता रहा है. इनमें से कुछ लोग तो सेवानिवृत्त होते वक्त दूसरे को चार्ज देते गये. यानी सड़ा अनाज एक प्रभारी से दूसरा प्रभारी लेता रहा. इनमें से कई प्रभारियों ने राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक (डीएम) को कई चिट्ठियां लिखी. उनसे सड़ा अनाज हटाने या नीलाम करने का आग्रह किया. पूर्व प्रभारी सत्यव्रत सिंह ने 19 जून 2013, 23 जून 13, 18 जुलाई 13, 31 दिसंबर 13, 25 जुलाई 14, 14 अगस्त 14 तथा 15 अप्रैल 15 को एमडी को पत्र लिखा था. पर अनाज अब भी कडरू गोदाम में ही है. गौरतलब है कि उपरोक्त अनाज के अलावा वर्ष 2006 से कडरू गोदाम में करीब नौ हजार क्विंटल चावल भी पड़ा हुआ था, जो खराब होने के बाद 2015 में नीलाम हुआ. सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस स्थिति का जिम्मेवार कौन है.
किसका कितना अनाज
चावल : एपीएल योजना- 65.96 क्विंटल. मध्याह्न भोजन- 180.63 क्विंटल. अंत्योदय योजना- 589.99 क्विंटल.
गेहूं : लाल गेहूं (अब डस्ट बन चुका)- 163.91 क्विंटल. जिला प्रशासन द्वारा जब्त सफेद गेहूं- 96.68 क्विंटल.
इस दौरान ये रहे जिला प्रबंधक
प्रमोद कुमार सिंह, मनोज कुमार, अशोक सिंह, जेवियर हेरेंज, परवेज इब्राहिम, फिर मनोज कुमार, शशि भूषण मेहरा
मंत्री की लाचारी
वर्ष 2015 में नौ साल से गोदाम में सड़ा अनाज पड़े रहने संबंधी खबर प्रभात खबर में छपने के बाद खाद्य अापूर्ति मंत्री सरयू राय एसएफसी, कडरू गोदाम पहुंचे थे. वहां उन्होंने अनाज हटाने का निर्देश दिया था. इस बीच वह फिर से वहां पहुंचे तथा अब 21 जुलाई को वह तीसरी बार वहां गये. तीन बार के उनके भ्रमण के बाद भी स्थिति जस की तस है. इससे स्पष्ट है कि अनाज से अधिक सिस्टम सड़ गया है.
बदलते गये गोदाम प्रभारी, अनाज होता रहा हैंडओवर
राम बहादुर त्रिया ने पीएन सिंह को. पीएन सिंह ने रामचंद्र पंडित को. रामचंद्र पंडित ने सुशील कुमार राय को तथा सुशील कुमार राय ने सत्यव्रत सिंह को, सत्यव्रत सिंह ने वर्तमान प्रभारी रवि भूषण को अनाज हैंडओवर किया.
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