रांची. झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को भाजपा विधायक कुशवाहा शशि भूषण मेहता ने बालू की किल्लत व अवैध खनन सहित कई मुद्दे उठाये. उन्होंने अल्पसूचित प्रश्न के तहत मामला उठाते हुए कहा कि जेएसएमडीसी द्वारा राज्य में बालू घाटों के संचालन की व्यवस्था के दौरान कम दर पर एमडीओ के चयन किये जाने के कारण सरकार को काफी राजस्व का नुकसान हुआ है. उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि क्या आसानी से कम दाम में बालू मिलेगा या इसी तरह से ब्लैक में लोगों को बालू लेकर अपना काम करना पड़ेगा. इस पर प्रभारी मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि इससे राज्य को नुकसान नहीं फायदा हुआ है. उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के 374 बालू घाटों में 100 सीएफटी बालू 100 रुपये में मुहैया कराया जा रहा है. श्री मेहता ने कहा कि राज्य में बालू उपलब्ध कराने का काम थाने को दे दिया गया है. थानेदार का काम लॉ एंड ऑर्डर का नहीं रह गया, बल्कि जितने भी बिचौलिये हैं, उनकी सूची बनाकर उनको बालू उपलब्ध कराने का रह गया है. लोगों को बालू अधिक दाम में मिल रहा है. कहा : पहले 3000 रुपये ट्रैक्टर बालू मिलता था, अब इसकी कीमत 7000 रुपये प्रति ट्रैक्टर हो गयी है. इस पर मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि बालू घाटों की संचालन व्यवस्था में एमडीओ के चयन से राज्य सरकार को नुकसान नहीं फायदा हुआ है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को एमडीओ को पैसे देना होता है. अगर कम दर में एमडीओ का चयन किया गया है, तो इससे राज्य सरकार को नुकसान नहीं फायदा है. बालू के अवैध खनन से राज्य सरकार को छोड़ अन्य लोगों को फायदा होने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि सरकार जनता के प्रति कृतसंकल्प है कि उन्हें कैसे बालू मिले.
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