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..भूमि नहीं देने के कारण अधूरी है बिरहोर कॉलोनी जानेवाली सड़क

रामगढ़ नगर परिषद का वार्ड नंबर 19 बरकाकाना व चैनगड़ा का मिला जुला क्षेत्र है. इसमें हेहल, बिरहोर-मल्हार कॉलोनी, अंबाटांड, चैनगड़ा आदि क्षेत्र आते हैं. इस वार्ड में सामान्य जाति बाहुल्य है.

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प्रदूषण और बेेरोजगारी की समस्या जूझ रहे हैं वार्ड 19 के लोग फोटो रैयतों द्वारा भूमि नही देने के कारण अधुरा है बिरहोर कॉलोनी जाने वाली सड़क – प्रदूषण की मार झेल रहे है वार्ड के लोग फोटो फाइल 21आर-1: वार्ड पार्षद प्रदीप शर्मा, 21आर-2: पूर्व वार्ड पार्षद मो सुल्तान, 21आर-3: आशिष चक्रवर्ती, 21आर-4: महेश बेदिया. 21आर-5: सुमन देवी, 21आर-6:संतोष सिंह, 21आर-7: रविंद्र मुंडा, 21आर-8:अधुरी सड़क, 21आर-9: सफाई के आभाव में पड़ी गंदगी. फोटो फाइल 21आर-10: सड़क पर बहता घरों का गंदा पानी.पंकज सोनी बरकाकाना. रामगढ़ नगर परिषद का वार्ड नंबर 19 बरकाकाना व चैनगड़ा का मिला जुला क्षेत्र है. इसमें हेहल, बिरहोर-मल्हार कॉलोनी, अंबाटांड, चैनगड़ा आदि क्षेत्र आते हैं. इस वार्ड में सामान्य जाति बाहुल्य है. इसके अलावा एसटी, एससी, ओबीसी, मुस्लिम भी इस वार्ड के निवासी है. इस वार्ड में आदिम जनजाति के बिरहोर जनजाति के लोग भी निवास करते है. इस जनजाति को सरकार द्वारा संरक्षित किया गया हे. इस वार्ड की कुल आबादी लगभग 7000 है. यहां के ज्यादातर लोग कृषि, मजदूरी पर निर्भर है. इस वार्ड में औद्यौगिक इकाई के रूप में मां छिन्नमस्तिका सीमेंट एंड इस्पात प्राइवेट लिमेटेड तथा पास में ही वेकेंटेश आयरण एंड स्टील फैक्ट्री भी है. समस्याओं की बात करें तो इस वार्ड की सबसे प्रमुख समस्या प्रदूषण व बेरोजगारी है. इस वार्ड के लोगों के द्वारा प्रदूषण के खिलाफ कई बार आंदोलन किया गया है. यहां रहने वाले लोगों द्वारा जिला प्रशासन, राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कई बार प्रदूषण की शिकायत की गयी है. लेकिन लोगों को निराशा ही हाथ लगी. लोगों की मानें, तो इस वार्ड के खेतों की उर्वरा शक्ति रासायनिक धूल-कण, डस्ट के कारण लगातार घटती जा रही है. प्रदूषण की चपेट में आने के कारण कई लोग श्वांस संबंधित बीमारी से ग्रसित हो गये है. प्रदूषण का दुष्प्रभाव जीव-जंतु के अलावे पेड़-पौधों पर भी पड़ रहा है. क्या कहते हैं वार्ड पार्षद इस वार्ड के वार्ड पार्षद प्रदीप शर्मा हैं. श्री शर्मा ने बताया कि इस वार्ड में पानी एक बड़ी समस्या थी. लेकिन जगह-जगह 12 जलमीनार का निर्माण कराया गया. जलमीनार के माध्यम से पेयजल की समस्या में काफी हद तक समाप्त कर लिया गया है. जल्द ही इस समस्या का पूर्ण समाधान हो जायेगा. स्थानीय फैक्ट्री परिसर के अंदर 10-12 मल्हार परिवार के लोग निवास करते थे. जिससे फैक्ट्री प्रबंधन व मल्हार परिवारों के बीच हमेशा तनाव बना रहता था. दोनों पक्षों के बीच मध्यस्यता कर इस समस्या का समाधान कर मल्हारों के लिये अलग से आधुनिक सुविधा युक्त कॉलोनी बनाया गया. कॉलोनी बनने के बाद मल्हारों को वहां शिफ्ट कराया गया. इस वार्ड क्षेत्र के लोग अपने विभिन्न कार्यों के लिये दमोदर नद तट पर जाते थे. दमोदर नद तट पर जाने के लिये सड़क की व्यवस्था नहीं थी. लेकिन काफी प्रयास के बाद सड़क का निर्माण कराया गया. जिससे लोगों को काफी सहूलियत हुई. आदिवासी समुदाय के सरना स्थल की चहारदीवारी का भी निर्माण कराया गया. इस वार्ड में लोगों की सुविधा के लिये विवाह भवन का भी निर्माण हुआ है. जो लोगों को आर्थिक राहत देने का काम कर रहा है. इस वार्ड में लगभग 300 पीएम आवास लाभुकों को मिला है. इसके अलावा स्ट्रीट लाइट, हाई मास्ट लाइट, श्मशान शेड, चापाकल आदि का निर्माण कराया गया हे. बताया कि हेहल से बिरहोर कॉलोनी तक डेढ़ किलोमीटर तक सड़क निर्माण के लिये काफी पत्राचार व परिश्रम किया गया. जिसके बाद विभाग की स्वीकृति मिली. स्वीकृति के बाद पेवर्स ब्लॉक सड़क का निर्माण शुरू कराया गया. लेकिन कुछ रैयतों द्वारा भूमि नही देने के कारण दो सौ मीटर सड़क का निर्माण अधूरा रह गया है. क्या कहते पूर्व वार्ड पार्षद मो सुल्तान पूर्व वार्ड पार्षद मो सुल्तान अहमद ने बताया कि वार्ड में तीन आंगनबाड़ी केंद्र की स्वीकृति है. तीनों आंगनबाड़ी केंद्र निजी आवासों में चलाया जा रहा हे. विभाग द्वारा भवन निर्माण की स्वीकृति भी दे दी गयी है. लेकिन भूमि की उपलब्धता नही बताते हुए आज तक इसका निर्माण नही हुआ है. जबकि इस वार्ड क्षेत्र में गैरमजरूआ भूमि पर अवैध कब्जा व अतिक्रमण काफी है. क्या कहते हैं आशीष आशीष चक्रवर्ती ने कहा कि वार्ड क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट व हाईमास्ट लाइट तथा पेयजल की समस्या है. शहरी क्षेत्र में ऐसी समस्या का समाधान ना होना विभागीय उदासीनता को दर्शाता है. क्या कहते है महेश बेदिया महेश बेदिया ने बताया कि पूर्व के पंचायत क्षेत्र को नगर परिषद क्षेत्र घोषित कर दिया गया. जिसके बाद शहरी क्षेत्र के नाम पर शुल्क की वसूली की जा रही है. लेकिन साफ-सफाई में काफी कोताही बरती जाती हे. वार्ड में डस्टबीन तो लगाये गये है पर आबादी के हिसाब से नाकाफी है. क्या कहती है सुमन देवी सुमन देवी ने बताया कि स्वास्थ्य संबंधित समस्या होने पर उन्हें रामगढ़ सदर अस्पताल जाना पड़ता है. जो काफी खर्चीला होता है. पास में स्वास्थ सुविधा होने से लोगों को परेशानी नही होती. क्या कहते हैं संतोष सिंह इस वार्ड के संतोष सिंह ने बताया कि हेहल की सड़क काफी सकरा है. नाली की व्यवस्था नही रहने केे कारण मजबूरन लोगों को घरों से गंदा पानी सड़क पर बहाना पड़ता है. जो गंदगी बढ़ जाती है. हेहल में सड़क के बीचों-बीच अंडरग्राउंड नाली का निर्माण कराना आवश्यक है. क्या कहते है रवींद्र मुंडा रवींद्र मुंडा ने कहा कि हेहल फैक्ट्री द्वारा प्रदूषण फैलाया जाता है. जिसका असर यहां पर निवास करने वाले लोगों, जीव-जंतु, पेड़-पौधों पर पड़ रहा है. लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. परियोजना प्रभावित क्षेत्रों को दी जाने वाली सुविधा भी फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा पूरा नहीं किया जाता है. प्रबंधन स्थानीय लोगों को रोजगार देने में काफी कोताही बरतता है. फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ लोगों में आक्रोश है. स्थानीय विधायक व सांसद को भी इसकी जानकारी दी गयी है.

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