आयुक्त ने राजस्व अभिलेख, भूमिधारण, किरायेदारी अधिकार व वन क्षेत्र से जुड़े मामलों की समीक्षा की प्रतिनिधि, रामगढ़ . जिला समाहरणालय के सभागार में राजस्व अभिलेख, भूमिधारण, किरायेदारी अधिकार व वन क्षेत्र से जुड़े मामलों को लेकर शनिवार को कार्यशाला हुई. इसकी अध्यक्षता उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के आयुक्त पवन कुमार ने की. प्रमंडलीय आयुक्त ने भू-राजस्व और भूमि सुधार से संबंधित विभिन्न अधिनियमों के तहत लंबित मामलों की समीक्षा की. कार्यशाला में द बिहार टेनेंट्स होल्डिंग (मेनटेनेंस ऑफ रिकॉर्ड्स) एक्ट 1973 की विभिन्न धाराओं से जुड़े मामले, किरायेदारी अभिलेखों के अद्यतन, रिकॉर्ड अनुरक्षण, त्रुटि सुधार व राजस्व अभिलेखों में आवश्यक संशोधनों की प्रगति की समीक्षा की गयी. सीएनटी एक्ट 1908 से संबंधित भूमि हस्तांतरण प्रतिबंध, अवैध रूपांतरण, पुश्तैनी भूमि संरक्षण व परंपरागत अधिकारों के संरक्षण से जुड़े मामलों की स्थिति की भी समीक्षा की गयी. प्रमंडलीय आयुक्त ने इन प्रावधानों के पालन का निर्देश दिया. बीएलआर एक्ट 1950 की धारा 4 (एच) के तहत अवैध कब्जा, अनधिकार, जमाबंदी रद्दीकरण और भूमि पुनर्वितरण से जुड़े लंबित प्रकरणों की प्रगति, जेबीसीए फॉरेस्ट एक्ट एवं खास महल अधिनियम के तहत वन भूमि विवाद, अतिक्रमण, सीमांकन, विभागीय समन्वय व केस हिस्ट्री से जुड़ी बिंदुओं की समीक्षा की गयी. प्रमंडलीय आयुक्त पवन कुमार ने राजस्व व वन भूमि से जुड़े सभी प्रकरणों का समयबद्ध, पारदर्शी व संवेदनशीलता से निष्पादन सुनिश्चित करने काे कहा. उन्होंने कहा कि भूमि अभिलेखों का नियमित अद्यतन प्रशासनिक दक्षता बढ़ाता है. लोगों की समस्याओं को कम करता है. उन्होंने विभागों के बीच बेहतर समन्वय से विवादों के समाधान पर बल दिया. उन्होंने कहा कि भूमि मामलों में विलंब आम जन को प्रभावित करता है. सभी अधिकारी लंबित प्रकरणों का शीघ्र निपटारा सुनिश्चित करें. मौके पर वन प्रमंडल पदाधिकारी नीतीश कुमार, उप विकास आयुक्त आशीष अग्रवाल, अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता, गोपनीय शाखा के प्रभारी पदाधिकारी, भू अर्जन पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, अंचल अधिकारी उपस्थित थे.
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