कुजू. रामगढ़ नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड छह के अंतर्गत रउता में धर्मांतरण का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि कुछ बाहरी लोग गांव में आकर लालच और दबाव देकर लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यह झारखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2017 का उल्लंघन है. ग्रामीणों ने प्रशासन से पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने तथा गांव में धार्मिक सौहार्द्र और शांति व्यवस्था बनाने की मांग की है. इस घटना के बाद ग्रामीणों की बैठक रविवार को हुई. अध्यक्षता बैजनाथ रजवार और संचालन रामचल मुंडा ने किया. बैठक में समाज में एकता बनाने और सांप्रदायिक ताकतों से सतर्क रहने की अपील की गयी. वक्ताओं ने कहा कि समाज को विभाजन की नीति से बचाना होगा. आदिवासियों की जमीन पर कब्जे जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सबको एकजुट होना होगा. बैठक में रामचल मुंडा, बैजनाथ रजवार, नरेश प्रसाद साहू, मनोज गिरी, सुकेश्वर मुंडा, धनेश्वर यादव, विनोद सिंह, लोकनाथ रजवार, पवन मुंडा, विजय मुंडा, सुनील मुंडा, महेंद्र मुंडा, दीपक रजवार, प्रमोद प्रसाद, परमेश्वर मुंडा, अक्षय कुमार, अमर रजवार, बिट्टू कुमार, रवीश मुंडा, शंकर करमाली, सीमा देवी, सोनिया देवी, सरिता देवी, पूनम देवी, पूजा देवी उपस्थित थे. आवेदन देने के बाद मामला पकड़ में आया : सिद्धार्थ कुमार उर्फ राजू ने कुजू ओपी में आवेदन दिया था. इसके बाद रउता निवासी विजय रजवार ने भी ओपी प्रभारी को आवेदन देकर शिकायत दर्ज करायी. विजय ने आरोप लगाया है कि सिद्धार्थ पिछले कुछ दिनों से उन पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बना रहा था. उसने हर महीने 20 हजार रुपये देने का प्रलोभन देने का प्रस्ताव रखकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने की कोशिश की. विजय के अनुसार जब उन्होंने धर्म परिवर्तन से इनकार किया, तो आरोपी ने धमकी दी. शिकायत के बाद आरोपी युवक ने अपने घर में ताला बंद कर गांव से फरार हो गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

