गिद्दी. विस्थापित एवं बेरोजगार संघर्ष समिति ने शनिवार को लगभग साढ़े छह घंटे तक सिरका परियोजना का उत्पादन कार्य बाधित रखा. कोलियरी प्रबंधन के आश्वासन पर समिति ने दोपहर 12.30 बजे आंदोलन वापस ले लिया. इसके बाद परियोजना में उत्पादन कार्य शुरू हुआ. मिली जानकारी के अनुसार, चानक बस्ती के लोगों ने सुबह छह बजे सिरका परियोजना का उत्पादन कार्य बाधित कर दिया. संघर्ष समिति के लोगों ने कहा कि चानक बस्ती के आदिवासी विस्थापितों को प्रबंधन वर्षों से नौकरी, मुआवजा तथा पानी, शिक्षा, चिकित्सा की सुविधा से वंचित रख रहा है. विस्थापितों को कई तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है. प्रबंधन की मनमानी अब नहीं चलने दी जायेगी. संघर्ष समिति के लोगों ने कहा कि हैवी ब्लास्टिंग से चानक बस्ती (टंगटंगी टोला) के कई घरों को नुकसान पहुंच रहा है. प्रबंधन हमारी मांगों के प्रति गंभीर नहीं है. उन्होंने प्रबंधन से चानक बस्ती के लोगों को नौकरी, मुआवजा व पुनर्वास की व्यवस्था कराने, विस्थापितों को विस्थापन कार्ड देने व बची हुई जमीन की रसीद निर्गत कराने की मांग की है. कोलियरी प्रबंधन ने संघर्ष समिति के लोगों से वार्ता की. प्रबंधन ने चानक बस्ती में पेयजल की व्यवस्था कराने तथा प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए टैंकर से पानी का छिड़काव कराने का आश्वासन दिया है. प्रबंधन ने कहा है कि अन्य मांगों पर 14 जून को वार्ता की जायेगी. आंदोलन में जगनारायण बेदिया, काशीनाथ बेदिया, रमेश बेदिया, कुलदीप बेदिया, नरेश बेदिया, गीता देवी, ललिता देवी, अर्जुन बेदिया, पूजा देवी, ममता, उर्मिला, रिबन देवी, सरिता, दशमी देवी, जितनी देवी, राजमनी देवी, राजू बेदिया, संदीप बेदिया, कुणाल बेदिया, सुरेश, किशोर शामिल थे.
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