गोला. गोला वन क्षेत्र जंगली हाथियों के कॉरिडोर के रूप में जाना जाता है. वन विभाग के अनुसार, यह इलाका हाथियों के प्राकृतिक आवागमन मार्ग में आता है. इसके कारण हाथी सालों भर यहां विचरण करते रहते हैं. हाथियों की मौजूदगी के कारण अब तक दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है. हजारों किसानों की फसलें भी नष्ट हो चुकी हैं. हाल के दिनों में हाथियों का झुंड रजरप्पा, हेंसापोड़ा, रकुवा, लिपिया सहित आसपास के गांवों के जंगलों में डेरा जमाये हुए था. शाम ढलते ही हाथी जंगल से निकल कर गांव की ओर रुख कर लेते थे और ग्रामीणों के मकानों व खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचाते थे. इससे क्षेत्र में भय माहौल बना हुआ था. हालांकि, वन विभाग ने हाथियों को गांवों से दूर रखने के लिए हाथी भगाओ दल बनाया है. हाथियों के गांव में पहुंचने की सूचना मिलते ही यह दल मौके पर पहुंच कर उन्हें सुरक्षित तरीके से जंगल की ओर खदेड़ने का काम करता है. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल जंगली हाथियों का झुंड गोला वन क्षेत्र से मांडू वन क्षेत्र की ओर चला गया है. अधिकारियों ने बताया कि हाथियों से हुए जान-माल व फसल नुकसान की स्थिति में सरकार द्वारा निर्धारित मुआवजा देने का प्रावधान है. वन विभाग हाथियों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखे हुए है. किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तत्पर है.
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