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चित की मलिन वृत्तियों का उन्मूलन ही उत्तम तप धर्म

चित की मलिन वृत्तियों का उन्मूलन ही उत्तम तप धर्म

रामगढ़. दिगंबर जैन समाज, रामगढ़ के दोनों जिनालयों में दशलक्षण महापर्व मनाया गया. बुधवार को जैन समाज के अध्यक्ष राजेंद्र चूड़ीवाल ने बताया कि इच्छाओं के निरोध को तप कहते हैं. बारह तपो में चित लगाना ही उत्तम तप धर्म है. तप धर्म के अवसर पर रामगढ़ जिनालियों में प्रथम अभिषेक का सौभाग्य सुभाष सेठी परिवार, अशोक, अमित काला परिवार, जीवन मल पाटनी परिवार, माणिक चंद पाटनी परिवार, रमेश, विकास सेठी परिवार, योगेश, निशा सेठी परिवार को प्राप्त हुआ. शांतिधारा का सौभाग्य उषा अजमेरा परिवार, विद्या प्रकाश, पद्म चंद छाबड़ा परिवार को मिला. पारसनाथ जिनालय में अभिषेक व शांतिधारा का सौभाग्य हरकचंद, विवेक, विकास अजमेरा परिवार को मिला. समाज के कोषाध्यक्ष सौरभ अजमेरा ने कहा कि गुरुवार को महापर्व के आठवें दिन उत्तम त्याग धर्म की पूजा होगी. पंडित निवेश शास्त्री व गायक नीलेश जैन के सान्निध्य में इस बार दशलक्षण पर्व में भक्ति की लहर बह रही है. श्रवण जैन ने बताया कि समिति के प्रत्येक सदस्य कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे हैं.

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