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सीबीआइ ने अरगड्डा क्षेत्र के लोकल सेल में फैले भ्रष्टाचार पर कसा शिकंजा

सीबीआइ ने अरगड्डा क्षेत्र के लोकल सेल में फैले भ्रष्टाचार पर कसा शिकंजा

:टीम ने आठ माह में एक-एक जानकारी व साक्ष्य जुटायी, अब हो रही है कार्रवाई गिद्दी. सीबीआइ रांची की टीम ने अरगड्डा कोयला क्षेत्र के गिद्दी, गिद्दी सी व रैलीगढ़ा लोकल सेल में फैले भ्रष्टाचार पर शिकंजा कस दिया है. फिलहाल, लोकल सेल में किसी तरह के अवैध लेन-देन नहीं हो रहे हैं. सीबीआइ की टीम ने पिछले आठ माह में एक-एक जानकारी व साक्ष्य जुटाया है. पूरे अरगड्डा क्षेत्र में सीबीआइ का खौफ है. सीबीआइ ने गिद्दी के बाद अब गिद्दी सी में भी कार्रवाई की है. सीबीआइ की टीम 26 फरवरी को गिद्दी सी व रैलीगढ़ा तथा छह मार्च को गिद्दी परियोजना में निरीक्षण किया था. इस दौरान, गिद्दी सी व गिद्दी परियोजना में सीबीआइ को कई साक्ष्य मिले थे. इसके आधार पर सीबीआइ ने जून माह में गिद्दी के छह लोग तथा गिद्दी सी के आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया. इसके बाद सीबीआइ ने उनके ठिकानों पर छापामारी की. कई लोगों से पूछताछ की. अब कार्रवाई हो रही है. वर्षों से लोकल सेल में जो पुरानी व्यवस्था चल रही थी, वह खत्म हो गयी है. खास कर, सीसीएल के अधिकारी व कर्मी लोकल सेल के कार्यों से दूर रहना चाह रहे हैं. इसमें वह अब कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. सीबीआइ ने गिद्दी के तत्कालीन अधिकारी अयोध्या करमाली, सीसीएलकर्मी प्रकाश महली, मुकेश कुमार व कोयला लिफ्टर विजय सिंह को 15 जुलाई को जेल भेज दिया है. अब गिद्दी सी के तत्कालीन अधिकारी अनिल कुमार, सीसीएलकर्मी दीपक कुमार, सुरक्षाकर्मी नरेश कुमार, कोयला लिफ्टर मो तबारक, अरुण लाल, मो सद्दाम, लोकल सेल संचालन समिति के कोषाध्यक्ष इसराइल अंसारी को अब गिरफ्तार किया गया है. उन सभी को जेल भेज दिया है. अरगड्डा क्षेत्र में सीबीआइ की कार्रवाई से बरका-सयाल क्षेत्र में भी है खौफ : सीबीआइ की टीम बरका-सयाल क्षेत्र की कई परियोजनाओं में कुछ माह पहले औचक निरीक्षण कर चुकी है. सीबीआइ की टीम वहां भी जांच कर रही है. अरगड्डा क्षेत्र में हो रही सीबीआइ की कार्रवाई से बरका-सयाल के कर्मियों व अधिकारियों में खौफ है. यह बात जाहिर है कि सीबीआइ की कार्रवाई से सीसीएल के सभी लोकल सेल सेंटरों में सीसीएल अधिकारी, कर्मचारी व संचालन समिति के लोग अब सतर्क हो गये हैं. गौरतलब हो कि अरगड्डा क्षेत्र की सभी परियोजनाओं में कमोवेश 70 व 80 के दशक में लोकल सेल खुला था. सभी लोकल सेल चल रहे हैं. पहले हैंड लोडिंग की व्यवस्था थी. अब पेलोडर की व्यवस्था बहाल कर दी गयी है.

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