सात नवंबर को जिनेवा में ग्लोबल यूथ समिट में पर्यावरण पर देंगी भाषण सुरेंद्र कुमार/शंकर पोद्दार रजरप्पा. झारखंड की धरती से एक और प्रेरणादायक कहानी निकल कर विश्व मंच तक पहुंची है. जमशेदपुर में जन्मी और रजरप्पा में पली-बढ़ी 18 वर्षीय युवा लेखिका, फिल्म निर्माता व पर्यावरण कार्यकर्ता शुभांशी चक्रवर्ती अब संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी. शुभांशी को सात नवंबर 2025 को जिनेवा (स्विट्जरलैंड) स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में आयोजित नौवें वनएमवनबी एक्टिवेट इंपैक्ट समिट में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है. यह मंच दुनिया के चुनिंदा युवा प्रतिभाओं और परिवर्तनकारी विचारकों का संगम माना जाता है. इतनी कम उम्र में संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक मंच पर पहुंचना शुभांशी के लिए ही नहीं, बल्कि झारखंड के लिए भी गौरव की बात है. गौरतलब हो कि शुभांशी को गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर महात्मा अवॉर्ड 2025 फिर लीडरशिप इन सोशल गुड एंड इंपैक्ट से सम्मानित किया गया है. शुभांशी की निर्देशित लघु फिल्म नाटोक झारखंड की छऊ नृत्य परंपरा पर आधारित है. यह फिल्म कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी है. भारत की परंपरा से समाधान की राह : इस समिट में शुभांशी अपनी चर्चित पुस्तक पास्ट इज फॉरवर्ड पर आधारित पर्यावरणीय परियोजना प्रस्तुत करेंगी. उनकी पुस्तक इस विचार पर केंद्रित है कि भारत की पारंपरिक और आदिवासी ज्ञान प्रणाली आज के जलवायु संकटों का समाधान बन सकती है. भारत की संस्कृति को दुनिया तक पहुंचाना गर्व की बात : शुभांशी चक्रवर्ती ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे प्रतिष्ठित मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करना उनके जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है. उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए गर्व का क्षण है कि मैं भारत की संस्कृति, परंपरा और प्राचीन ज्ञान को दुनिया के सामने रख पाऊंगी. हमारी जड़ें ही भविष्य को दिशा देने की शक्ति रखती हैं. मैं चाहती हूं कि पूरा विश्व भारत की इस अद्भुत धरोहर से प्रेरणा ले और सतत भविष्य की राह चुने.
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