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लीड) ठेका मजदूरों की सुविधाओं की जांच

लीड) ठेका मजदूरों की सुविधाओं की जांच 8बीएचयू-28-बैठक में उपस्थित कमेटी के सदस्य व अधिकारी.फ्लैग-हाई पावर कमेटी के चेयरमैन रमेंद्र के नेतृत्व में हुई बैठक 23 दिसंबर को पिपरवार जायेगी टीम.उरीमारी. हाई पावर कमेटी द्वारा सीसीएल क्षेत्र में कार्यरत ठेका मजदूरों के लिए अनुशंसित न्यूनतम मजदूरी समेत उन्हें प्रदत्त सुविधाओं की भौतिक सत्यता की जांच […]

लीड) ठेका मजदूरों की सुविधाओं की जांच 8बीएचयू-28-बैठक में उपस्थित कमेटी के सदस्य व अधिकारी.फ्लैग-हाई पावर कमेटी के चेयरमैन रमेंद्र के नेतृत्व में हुई बैठक 23 दिसंबर को पिपरवार जायेगी टीम.उरीमारी. हाई पावर कमेटी द्वारा सीसीएल क्षेत्र में कार्यरत ठेका मजदूरों के लिए अनुशंसित न्यूनतम मजदूरी समेत उन्हें प्रदत्त सुविधाओं की भौतिक सत्यता की जांच के लिए गठित जेसीएसी सब कमेटी मंगलवार को कमेटी के चेयरमैन रमेंद्र कुमार के नेतृत्व में बरका-सयाल पहुंची. कमेटी के सदस्यों में एनसीओइए के आरपी सिंह, एचएमएस के ललन प्रसाद सिंह, जनता मजदूर संघ के हरिशंकर सिंह, सीएमयू के उदय सिंह, आरसीएमएस के गिरजा शंकर पांडेय, आरसीएमएस के एसएन झा व लखनलाल महतो ने जीएम कार्यालय के सभागार में स्थानीय अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में मुख्यालय के जीएम वेलफेयर वीएन प्रसाद, बरका-सयाल के जीएम ऑपरेशन केपी सिंह, एसके सिंह, भुरकुंडा पीओ पीके सिन्हा, उरीमारी पीओ प्रशांत वाजपेयी, बिरसा पीओ, सौंदा डी पीओ समेत सैयद विलायतुल्लाह, एसओएम आरके मिश्रा, परियोजनाओं के कार्मिक पदाधिकारी मौजूद थे. बैठक में हाइ पावर कमेटी द्वारा ठेका मजदूरों के संदर्भ में लिये गये फैसलों को स्थानीय प्रबंधन द्वारा किस तरह से लागू किया जा रहा है, इसकी जांच की गयी. कमेटी ने स्थानीय प्रबंधन से जाना कि ठेका मजदूरों को विभिन्न ठेकेदारों द्वारा पेमेंट किस तरह से किया जाता है. उनके पीएफ की कटौती, मेडिकल सुविधा व अन्य सुविधाएं किस तरह से उन्हें प्रदान की जा रही है. भौतिक सत्यापन के दौरान न्यू बिरसा आउटसोर्सिंग परियोजना में कार्यरत कर्मी रवींद्र बैठा, ट्रांसपोर्टिंग कंपनी में कार्यरत के साव समेत कुल चार लोगों से उन्हें ट्रांसपोर्ट व आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली गयी. रवींद्र ने कमेटी को बताया कि उसे 30 दिनों के काम में एवज में उसे 12 हजार रुपये दिये जाते हैं. छुट्टी नहीं दी जाती है. पीएफ अभी कटना शुरू नहीं हुआ है. बोनस नहीं मिलता है. के साव ने कहा कि वह 12 घंटे काम करता है. नौ हजार रुपये प्रतिमाह मिलता है. कुल 365 दिन 12 घंटे काम करता है. पहचान पत्र नहीं मिला है. पेमेंट का स्लिप भी नहीं दिया जाता है. राजेश सिंह ने भी कहा कि उसे भी इतना ही वेतन दिया जाता है. हाजिरी कहां बनती है, यह जानकारी नहीं है. तीन माह से वेतन नहीं मिला है. इसी तरह देवचंद मुंडा ने कहा कि उरीमारी की सौंदा बी साइडिंग में कोयला लेबलिंग का काम करता हूं. प्रति रैक सौ रुपये दिये जाते हैं. कमेटी ने बताया कि 23 दिसंबर को जांच के लिए टीम पिपरवार जायेगी.जीएम को कमेटी ने कहा : सब कमेटी में शामिल सदस्यों ने क्षेत्र के जीएम प्रकाश चंदा के साथ दूसरे सत्र में बैठक की. कहा कि हाई पावर कमेटी द्वारा अनुशंसित सुविधाएं व वेतन हर हाल में ठेका मजदूरों को मिले, यह सुनिश्चित की जाये. बैंक के माध्यम से वेतन का भुगतान हो व उन्हें पेमेंट स्लिप भी दिया जाये. माइंस एक्ट का हर हाल में पालन किया जाये. सभी तरह की त्रुटियों को दूर करने के लिए भी जीएम अपने स्तर से पहल करें.कमेटी ने कई खामियां पकड़ी : जांच कमेटी ने भौतिक सत्यापन के दौरान कई खामियों को पकड़ा. ट्रांसपोर्ट कंपनियों द्वारा चार-चार महीने तक मजदूरों का वेतन भुगतान रोकने तक का मामला सामने आया. सौंदा बी साइडिंग में कोल लेबलिंग व पिकिंग का काम करने वाले मजदूरों की हाजिरी तक ट्रांसपोर्ट कंपनियों द्वारा नहीं बनाये जाने का मामला पकड़ा गया. पीएफ की कटौती में भी गड़बड़ी सामने आयी. कमेटी के सामने भुरकुंडा बलकुदरा में उत्खनन कंपनी पीएलआर, न्यू बिरसा में खनन कंपनी एचएससीएल की पेटी कांट्रैक्टर आशा कंस्ट्रक्शन ने भी अपनी बात रखी. इन्हें भी कमेटी द्वारा हाई पावर कमेटी की अनुशंसा को लागू करने का निर्देश दिया गया.

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