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रेलवे फाटक की मांग को लेकर जाम

रेलवे फाटक की मांग को लेकर जाम 8बीएचयू-20-इसी क्रॉसिंग पर हुई थी घटना, 21-रेलवे ट्रैक को जाम किये हुए लोग, 22-मोटर प्वाइंट की मरम्मत करते रेल कर्मी, 23-हादसे के वक्त टूटा हुआ सिग्नल पोल.भदानीनगर. ट्रेन हादसे से गुस्साये लोगों ने मंगलवार दोपहर बाद घटनास्थल पर रेलवे फाटक निर्माण की मांग को लेकर बरकाकाना-भुरकुंडा रेलवे ट्रैक […]

रेलवे फाटक की मांग को लेकर जाम 8बीएचयू-20-इसी क्रॉसिंग पर हुई थी घटना, 21-रेलवे ट्रैक को जाम किये हुए लोग, 22-मोटर प्वाइंट की मरम्मत करते रेल कर्मी, 23-हादसे के वक्त टूटा हुआ सिग्नल पोल.भदानीनगर. ट्रेन हादसे से गुस्साये लोगों ने मंगलवार दोपहर बाद घटनास्थल पर रेलवे फाटक निर्माण की मांग को लेकर बरकाकाना-भुरकुंडा रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया. इससे ट्रेनों की आवाजाही बाधित रही. लोगों का कहना था कि इस क्रॉसिंग को पार कर दर्जनों गांवों के लोग आना-जाना करते हैं. दशकों से यहां पर फाटक निर्माण की मांग की जा रही है. राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन, ग्रामीण लगातार इस मांग को प्रमुखता से उठाते रहे हैं. लेकिन रेल प्रशासन कोई कदम नहीं उठाता है. लोगों ने कहा कि यदि फाटक होता, तो यह हादसा नहीं होता. ग्रामीणों ने बताया कि फाटक की मांग उठानेवाले कई ग्रामीणों पर रेल विभाग ने मामला दर्ज भी कर दिया है. ट्रैक जाम करनेवालों में नारायण चंद्र भौमिक, जगतार सिंह, दर्शन गंझू, प्रेमनाथ साहू, आजाद अंसारी, राजेश महतो, सुरेश बेदिया, तिलेश्वर बेदिया, समीर बेदिया, सपरुल्लाह समेत कई ग्रामीण शामिल थे. समाचार भेजे जाने तक जाम जारी था. हालांकि रेलवे के डीटीएम ने मौके पर पहुंच कर लोगों को समझाया. लेकिन ग्रामीण उपायुक्त समेत अन्य बड़े रेल अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े थे. जाम के कारण दोपहर बाद से इस मार्ग पर ट्रेनों की आवाजाही ठप पड़ी थी. घटना के बाद स्थानीय सांसद व विधायक के नहीं आने से नाराज ग्रामीण लगातार सांसद-विधायक के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे. इधर, घटना स्थल पर पहुंचे सरस्वती देवी, दर्शन गंझू, सुरेंद्र पाठक, पिंटू अंसारी, सुरेश बेदिया, वसीम अकरम, नसीम अंसारी, ढेरु अंसारी, अजय कुमार आदि ने रेलवे फाटक निर्माण की मांग की.उखड़ गया सिग्नल : ट्रेन-बोलेरो हादसा के समय जब ट्रेन के इंजन में फंसा वाहन घिसट कर आगे बढ़ रहा था, तब रास्ते में पड़ने वाले सिग्नल पोल भी उखड़ गये. इसके अलावा ट्रैक के बगल में मोटर प्वाइंट भी डैमेज हो गया. मंगलवार को रेल कर्मियों द्वारा मोटर प्वाइंट व सिग्नल को दुरुस्त करने का काम किया जा रहा था.क्रॉसिंग से गुजरते हैं दर्जनों गांव के ग्रामीण. पसरा रहता है अंधेरा.घटनास्थल वाले क्रॉसिंग से हर रोज दर्जनों गांवों के हजारों लोग पैदल, मोटरसाइकिल, चार पहिया वाहन से गुजरते हैं. इससे पूर्व भी लोग यहां छोटी-मोटी दुर्घटनाओं के शिकार होते रहे हैं. यहीं कारण है कि लोग इस स्थान पर रेलवे द्वारा फाटक निर्माण की मांग वर्षों से कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना था कि वे लोग यदि दूसरे रास्ते का प्रयोग करते हैं, तो उनके गांव व गंतव्य की दूरी चार-पांच किमी बढ़ जाती है. ऐसे में रेलवे प्रशासन ग्रामीणों की जान-माल व सुविधा को ध्यान में रखते हुए यहां अविलंब फाटक निर्माण का कार्य प्रारंभ करे.अंधेरे में रहता है क्रॉसिंग : जिस क्रॉसिंग पर घटना घटी, वह क्रॉसिंग क्षेत्र अंधेरे में डूबा रहता है. इसे पार कर लोग आवाजाही करते हैं. अंधेरे के अलावा रेलवे लाइन के दोनों किनारे पर बड़ी-बड़ी झाड़ियां हैं. इसके कारण लोगों को ट्रेन के आने की धमक नहीं मिल पाती है. जब लोग इस क्रॉसिंग को पार करने के लिए क्रॉसिंग के नजदीक पहुंचते हैं, तब उन्हें रेल के आने का भान हो पाता है. सोमवार रात को हुए हादसे को भी इसी नजरिये से लोग देख रहे हैं. लोग आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि अंधेरा होने, बड़ी झाड़ियों के कारण रेल के आने का अनुमान नहीं लगा सका. ठंड के कारण वाहन के शीशे बंद रहने के कारण भी ट्रेन की आवाज सुनायी नहीं पड़ सकी.

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