कोलियरियों का बंद होना बताया गया कारण
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सीसीएल कुजू क्षेत्र लक्ष्य पूरा करने में असफल
कोलियरियों का बंद होना बताया गया कारण कुजू : सीसीएल कुजू क्षेत्र वित्तीय वर्ष 2018-19 में मुख्यालय से मिले लक्ष्य को पूरा करने में असफल रहा. वर्ष 2018-19 में 29 लाख मिट्रिक टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया था. जिसमें 21 लाख 20 हजार मिट्रिक टन कोयला उत्पादन किया. जबकि ओबीआर 37 लाख सात […]
कुजू : सीसीएल कुजू क्षेत्र वित्तीय वर्ष 2018-19 में मुख्यालय से मिले लक्ष्य को पूरा करने में असफल रहा. वर्ष 2018-19 में 29 लाख मिट्रिक टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया था. जिसमें 21 लाख 20 हजार मिट्रिक टन कोयला उत्पादन किया. जबकि ओबीआर 37 लाख सात हजार क्यूबिक मीटर निकाला. वर्ष 2018-19 में कोयला उत्पादन में छह और संप्रेषण में चार प्रतिशत बढ़ोतरी की है. संप्रेषण में 26 लाख 37 हजार मिट्रिक टन रहा. सीसीएल कुजू क्षेत्र के अंतर्गत सात परियोजनाएं है. इनमें तोपा व करमा को छोड़ कर अन्य सभी परियोजनाएं बंद पड़ी है. एरिया ने जो बढ़ोतरी की है वह तोपा व करमा परियोजना के सहयोग से किया है.
इस संबंध में एसओ माइनिंग राजीव शरण ने बताया कि रांची मुख्यालय से हर वर्ष मिलनेवाले लक्ष्य को एरिया ने बखूबी निभाते आया है. अगर बंद पड़ी परियोजनाएं भी संचालित होती तो एरिया का लक्ष्य कुछ और होता. उन्होंने कोयला उत्पादन व संप्रेषण में हुई बढ़ोतरी पर तोपा तथा करमा परियोजना के अधिकारी व कोयला कर्मचारियों को बधाई दी है.
एसओ माइनिंग ने बताया कि वर्ष 2019-20 के लिए मुख्यालय से एरिया को कोयला उत्पादन के लिए 24 लाख मिट्रिक टन व ओबी उत्पादन में 44 लाख क्यूबिक मीटर दिया है. जिस लक्ष्य को पूरा करने के लिए अधिकारियों व कोयला कर्मचारियों को सहयोग करने का आग्रह किया है. गौरतलब हो कि वर्ष 2017-18 में 20 लाख 14 हजार मिट्रिक टन कोयला उत्पादन व 42 लाख 50 हजार क्यूबिक मीटर ओबी उत्पादन तथा 26 लाख 6 हजार मिट्रिक टन कोयला संप्रेषण किया था.
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