वक्ताओं ने कहा कि टाटा स्टील प्रबंधन ने खदान चलाने के लिए रैयतों की जमीन मनमानी दर पर अधिग्रहित कर यहां के मूल रैयतों को विस्थापित कर दिया. वक्ताअों ने कहा कि अधिकांश रैयत रोजगार के लिए पलायन कर गये. आज भी मुआवजा व नौकरी लंबित है. रैयतों, विस्थापितों व कोलियरी से प्रभावितों को उनके संवैधानिक अधिकार के तहत उचित हक नहीं मिलने पर आंदोलन किया जायेगा.
मांगें नहीं मानने पर प्रथम चरण में पांच फरवरी 2018 को कंपनी का उत्पादन कार्य ठप करा दिया जायेगा. दूसरे चरण में छह फरवरी से अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी करते हुए सड़क व रेल मार्ग से कोयला ढुलाई कार्य बाधित किया जायेगा. सभा को रैयत विस्थापित मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष फागू बेसरा, केंद्रीय महासचिव सैनाथ गंझू, उपाध्यक्ष राजकुमार महतो, विजय हेंब्रोम, बलराम महतो, योधेश्वर सिंह भोगता, जिप सदस्य ममता देवी, विधायक प्रतिनिधि बसंत कुमार महतो, उप प्रमुख कंचन कुमारी, मुखिया रोपन देवी, पूर्व मुखिया किरण हेंब्रोम, रंजीत बेसरा, मधु साव, छेदी महतो, उमेश भोगता, गीता विश्वास, सुखदेव महतो, महावीर महतो, सेवालाल महतो, हीरालाल महतो, राजलाल महतो, प्रेमकुमार महतो, तालो मांझी, आदित्य मित्र संथाल, पंकज महतो, वीणा देवी, बाबूलाल मरांडी, सरदार अनमोल सिंह, रूप लाल हेंब्रोम, शंकर करमाली, विनोद बिहारी महतो, कुर्बान अंसारी, सकलधर विश्वकर्मा, कार्तिक मांझी, भुनेश्वर करमाली, अशोक प्रसाद ने भी संबोधित किया.