घाटोटांड़: विस्थापितों की विभिन्न मांगों को लेकर रैयत विस्थापित मोर्चा ने आंदोलन करने की घोषणा की है. आंदोलन की तैयारी को लेकर सोमवार को स्थानीय कृष्णा रेस्ट हाउस में रैयत विस्थापित मोर्चा की बैठक हुई. अध्यक्षता वेस्ट बोकारो क्षेत्रीय अध्यक्ष विजय हेंब्रोम ने की. संचालन अशोक साव ने किया. केंद्रीय अध्यक्ष फागू बेसरा ने कहा कि भारत सरकार, झारखंड सरकार आैर उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बावजूद विस्थापित रैयतों को न्याय नहीं मिल रहा है.
विभिन्न कंपनियों के अधिकारियों की उपेक्षा के कारण रैयत विस्थापित ठगे जा रहे हैं. विस्थापितों के हित व विकास में एक भी योजना ठीक ढंग से नहीं चलायी जा रही है. ऐसे में रैयत विस्थापित मोर्चा ने अपने अधिकार के लिए आंदोलन का फैसला लिया है. छह नवंबर को रामगढ़ जिला उपायुक्त कार्यालय के समीप धरना- प्रदर्शन कर आठ सूत्री मांग पत्र सौंपा जायेगा.
आठ नवंबर को हजारीबाग मुख्यालय के समीप धरना- प्रदर्शन, 13 नवंबर को पीटीपीएस के समक्ष, 16 नवंबर को डीवीसी चंद्रपुरा के समक्ष, 21 नवंबर को बोकारो थर्मल पावर के समक्ष, 23 नवंबर को टाटा स्टील वेस्ट बोकारो डिवीजन के समक्ष, 30 नवंबर को राजभवन के समक्ष,11 दिसंबर को बोकारो स्टील प्लांट के समक्ष, 14 दिसंबर को एनटीपीसी टंडवा प्लांट के समक्ष, 21 दिसंबर को जिंदल स्टील एंड पावर प्लांट बलकुदरा पतरातू के समक्ष, पांच जनवरी 2018 को सीसीएल दरभंगा हाउस रांची में आैर पांच फरवरी 2018 को सभी कोल परियोजना के समक्ष धरना- प्रदर्शन किया जायेगा. छह फरवरी से सभी रैयत विस्थापित किसान अपनी जमीन से कोयला, लोहा की ढुलाई को बंद करते हुए अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी करेंगे.
बैठक में केंद्रीय महासचिव सैनाथ गंझू, बलराम महतो, रंजीत बेसरा, योधेश्वर सिंह भोगता, महावीर महतो, मधु साव, परमेश्वर गंझू, महेश गंझू, नरेंद्र रविदास, उमेश सिंह भोगता, सुनील शर्मा, महेश महतो, प्रेम महतो, संजुल हेंब्रोम, पंकज महतो, प्रेम कुमार, सदाम हुसैन, रूपलाल मांझी, सहदेव किस्कू, सकलधर करमाली, ईश्वर महतो, मदन सोरेन, मोहन मांझी, राजकमल गंझू, सुनील हेंब्रोम, मुकेश साव, रघुनंदन गंझू माैजूद थे.