भुरकुंडा: पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनल) के नये पावर प्लांट के कार्यों में पीटीपीएस के 25 गांव के विस्थापित प्रभावितों को उच्च प्राथमिकता देते हुए कार्यों में भागीदारी व समायोजन की मांग ग्रामीणों ने की है. ऐसा नहीं होने पर नवंबर माह में लगातार आंदोलन किया जायेगा. आंदोलन को लेकर रविवार को लबगा स्थित मां पंचबहिनी स्कूल के प्रांगण में ग्रामीणों की बैठक हुई.
इसकी अध्यक्षता कुमेल उरांव ने की. संचालन आदित्य नारायण प्रसाद ने किया. ग्रामीणों ने कहा कि पतरातू छाई डैम में गांव के सैकड़ों ग्रामीणों की जमीन गयी है, लेकिन आज तक ग्रामीणों को नौकरी व मुआवजा नहीं मिला है. निर्णय हुआ कि हेसला, सिमराटांड़, कटिया व रियाडा क्षेत्र में प्रबंधन व प्रशासन ग्रामीणों की जमीन पर कब्जा कर प्लांट का काम करा रहा है. पतरातू डैम में पर्यटन विभाग द्वारा डैम क्षेत्र में काम कराया जा रहा है. इस कार्य में ग्रामीणों की अनदेखी की जा रही है.
ग्रामीणों ने कहा कि अपने अधिकार के लिए हर संघर्ष करें. इससे पूर्व, सात फरवरी 2016 को रामगढ़ उपायुक्त ने लिखित आश्वासन दिया था कि विस्थापित प्रभावितों की मांगों को पूरा किया जायेगा. अगली बैठक पांच नवंबर को लबगा में बुलायी गयी है. बैठक में आंदोलन की तारीख की घोषणा की जायेगी. आंदोलन के लिए कमेटी भी बनायी जायेगी. बैठक में राजाराम प्रसाद, प्रदीप महतो, अब्दुल कयुम अंसारी, भुवनेश्वर महतो, कपिल मुंडा, अलीम अंसारी, मंटू कुमार, सुरेंद्र कुशवाहा, जितेंद्र उरांव, सुशील मुंडा, माधो महतो, देवप्रसाद मुंडा, जितेंद्र मुंडा, कृष्णा मुंडा, विनोद प्रजापति, बृजमोहन मुंडा, शिवधन गंझू, नेपाल प्रजापति, भगवान सिंह, मो रइश, लक्ष्मी साहू, मनीजर साहू, लक्ष्मीकांत महतो, प्रेम कुमार, कृष्णा महतो, दिनेश महतो, राजन कुमार, रंजीत ठाकुर, सरोज प्रसाद, जगदेव प्रसाद प्रजापति, हेमंत कुमार, सुजीत सिंह, डोमन महतो, जागेश्वर पाहन, भुवनेश्वर पाहन, संजय मुंडा उपस्थित थे.