लातेहार, चंद्र प्रकाश. बेतला नेशनल पार्क पलामू टाइगर रिजर्व के छिपादोहर पूर्वी क्षेत्र में बाघ द्वारा तीन लोगों पर हमला किये जाने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. करीब एक महीना पहले लगातार तीन दिन तक तेंदुआ का खौफ बना हुआ था. लोग इतने भयभीत थे कि किसी भी जंगली जानवर द्वारा हमला किये जाने पर लोग उसे तेंदुआ का हमला मान रहे थे. पलामू टाइगर रिजर्व के बरवाडीह क्षेत्र में एक और गढ़वा क्षेत्र में दो लोगों की मौत तेंदुआ के हमले में हो गयी थी.
फिर बाघ ने किया हमला
अब बाघ के हमले ने लोगों को एक बार फिर से भयभीत कर दिया है. वन विभाग टीम द्वारा गांव-गांव में घूम-घूम कर लोगों को जंगल जाने से मना किया जा रहा है. लाउडस्पीकर से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है कि जंगल क्षेत्र में बाघ घूम रहा है, इसलिए ग्रामीण जंगल क्षेत्र में नहीं जाए खासकर महुआ चुनने के लिए तो एकदम ही नहीं जायें.
सतर्कता बरत रहा है वन विभाग
इधर, वन विभाग के पदाधिकारियों का कहना है कि उन्हें बाघ और आदमी दोनों को बचाने के लिए काम करना है. बाघ को भी कोई क्षति नहीं पहुंचे इसके लिए विशेष निगरानी की जा रही है. वहीं, बाघ किसी भी व्यक्ति पर हमला न करे, इसके लिए भी सतर्कता बरती जा रही है. वन विभाग के सभी वन कर्मियों को इस घटना से सतर्क कर दिया गया है. 40 वन कर्मियों की स्पेशल टीम को जगह-जगह तैनात कर निगरानी की जा रही है.
40 वनकर्मियों की स्पेशल टीम को किया गया तैनात
विभागीय पदाधिकारियों के अनुसार, वर्तमान समय में बाघ की गतिविधि कुमंडीह, अमवाटीकर, चुंगरू इलाका में बनी हुई है. विभाग ने उक्त इलाकों सहित आसपास के इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है. पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर प्रजेश कांत जेना, रेंजर शंकर पासवान, वनपाल उमेश दुबे, नंदकुमार मेहता स्वयं इन इलाके में कैंप किये हुए हैं.
क्या कहते हैं रेंजर
रेंजर शंकर पासवान ने कहा कि लोगों को भयभीत होने की जरूरत नहीं है. वन विभाग की पूरी टीम इस पर जुटी हुई है. बाघ को सुरक्षित रखने में सभी लोगों को सहयोग करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि लोगों को कुछ समय के लिए जंगल जाने से परहेज करना चाहिए. बाघ राष्ट्रीय धरोहर है, इसलिए उसका दिखाई देना गौरव की बात है. उसके हमले से लोगों बचाने के लिए वन विभाग कोई कसर नहीं छोड़ेगा, इसीलिए पूरी ताकत वन विभाग ने इस और झोंक दिया है.