पाटन. प्रखंड के तिलैया गांव में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. आजादी के 77 वर्ष गुजर चुके हैं. लेकिन गांव में आवागमन के लिए सड़क तक नहीं है. सरकारी योजना से सड़क नहीं बनायी गयी, तो ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से कच्ची सड़क का निर्माण किया है. तिलैया गांव प्रखंड मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर उत्तर-पूरब की दिशा में स्थित है. गांव में करीब 40- 45 घर है, जहां करीब 350 लोग निवास करते हैं. अनुसूचित जनजाति (चेरो) बहुल गांव है. गांव में सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, चिकित्सा, सिंचाई का घोर अभाव है. इस गांव के बच्चों को बुनियादी शिक्षा भी नही मिल पाती है. सीतीबार से चेतमा पुलिस पिकेट तक जाने वाली सड़क में साइन बोर्ड एक स्थान है. पश्चिम दिशा में जंगल के रास्ते से होकर पैदल आते जाते हैं. हालांकि फिलहाल ग्रामीणों द्वारा अपने निजी खर्च से फॉरेस्ट की भूमि में आवागमन के लिए रास्ता बनाया गया है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बिजली का पोल लाने में परेशानी हो रही थी. इसलिए ग्रामीणों ने मिल कर रास्ता बनाया है. रास्ता बनाने में 16 हजार खर्च हुआ है. रास्ता बनाने से वन विभाग द्वारा रोका जा रहा था. लेकिन उन लोगों के पास इसके अलावा दूसरा कोई विकल्प भी नहीं था. इसलिए उन लोगों ने अपने निजी खर्च से गांव तक पहुंचने के लिए रास्ता बनाया. रास्ता बनाने के बाद बिजली का पोल गांव में पहुंचाया जा रहा है. जिससे ग्रामीणों में अब उम्मीदें जगी है कि उन लोगों के गांव में भी बिजली पहुंचेगी और बिजली की रोशनी मिलेगी. लेकिन ग्रामीणों को स्थायी व पक्की सड़क कब नसीब होगी? ग्रामीणों का कहना है कि उन लोगों के साथ राज्य के वित्त सह संसदीय कार्यमंत्री राधाकृष्ण किशोर का इलाका हैं. तो कुछ भी मुमकिन है. ग्रामीणों का कहना है कि मंत्री श्री किशोर द्वारा जब पहाड़ को काट कर चेतमा तक रास्ता बनवाया जा सकता है, तो तिलैया गांव तक सड़क अवश्य ही पहुंचाया जायेगा. साइन बोर्ड से तिलैया गांव की दूरी करीब तीन किलोमीटर होगी. जबकि तिलैया मुख्य बस्ती से धमधमवा टोला की दूरी करीब दो किलोमीटर होगी. वहीं सिकनी टोला की दूरी भी करीब तीन किलोमीटर होगी. तिलैया गांव व दोनों टोले की आबादी करीब 500 है. धमधमवा टोला में पूर्व में तत्कालीन विधायक वर्तमान में राज्य के वित्त सह संसदीय कार्यमंत्री राधाकृष्ण किशोर द्वारा करीब आधा किलोमीटर पीसीसी सड़क बनवायी जा चुकी है. ऐसे में ग्रामीणों की उम्मीदें और भी बढ़ गयी है. ग्रामीणों का कहना है कि इस बार उनका गांव भी पक्की सड़क से अवश्य ही जुड़ जायेगा. क्योंकि उन लोगों की समस्याओं का निदान कोई कर सकता है, तो वह एक ही नेता हैं. सिर्फ राज्य के वित्त सह संसदीय कार्यमंत्री राधाकृष्ण किशोर.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है