शिवशक्ति मंदिर परिसर में महोत्सव का आयोजन
पाटन. प्रखंड के किशुनपुर मौर्याटांड़ स्थित शिवशक्ति मंदिर परिसर में दुर्गापूजा महोत्सव पर प्रतापगढ़ से पधारे विद्वान पंडित आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि चाकू डाकू की तरह नहीं, बल्कि डॉक्टर की तरह चलाना चाहिए. क्योंकि डाकू चाकू को शरीर के नुकसान के लिए चलाता है. जबकि डॉक्टर शरीर को बचाने के लिए चलाता है. उन्होंने अरण्यकांड की चर्चा करते हुए कहा कि जयंत अपनी चोंच का प्रयोग सीता पर प्रहार के उद्देश्य से किया, तो उसे अपने पिता इंद्र का भी संरक्षण नहीं मिला. जबकि जटायु ने अपनी चोंच का प्रयोग सीता के उद्धार के लिए किया, तो उन्हें परमपिता परमात्मा की गोद प्राप्त हुआ. उन्होंने कहा कि सुंदर तन वाले को भगवान के पास जाना पड़ता है. लेकिन सुंदर मन वाले के पास स्वयं भगवान चल कर जाते हैं. प्रभु श्रीराम नारी को दु:ख देने वाले रावण को कुत्ते की मौत मार देते हैं और नारी के संरक्षण के लिए लड़ने वाले जटायु को पिता बना कर तार देते हैं. विज्ञान के बल पर आदमी पक्षी की तरह आकाश में उड़ रहा है. मछली की तरह पानी में तैर रहा है. लेकिन आध्यात्म के अभाव में आदमी की तरह धरती पर नहीं चल पा रहा है. जटायु रावण से तो हार गया, लेकिन इतिहास में अमर हो गया.
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