मेदिनीनगर. मंगलवार को परिसदन में आयोजित प्रेस वार्ता में पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने अंगरक्षक को थप्पड़ मारने के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए इसे राजनीतिक साजिश करार दिया. त्रिपाठी ने कहा कि वे 27 वर्षों से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय हैं. इस दौरान करीब 1000 पुलिसकर्मी उनके अंगरक्षक के रूप में कार्य कर चुके हैं. अब तक कभी जातिसूचक टिप्पणी, दुर्व्यवहार या प्रताड़ना जैसी शिकायत सामने नहीं आई. अंगरक्षकों को हमेशा भाई जैसा सम्मान देता आया हूँ. यदि इस बार का आरोप साबित हो जाता है तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा. पूर्व मंत्री ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि इसे किसी वरीय प्रोफेशनल पुलिस अधिकारी को सौंपा जाना चाहिए. उनका कहना था कि यदि वास्तव में मारपीट की घटना हुई थी, तो संबंधित जवान को लातेहार थाना में शिकायत दर्ज करानी चाहिए थी. लेकिन साजिश के तहत मेदिनीनगर टाउन थाना में शून्य संख्या में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. उन्होंने जवान पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी आदत महिलाओं से मोबाइल नंबर लेकर लगातार कॉल करने और लोकेशन साझा करने की रही है. इस संबंध में मेरे पास ठोस प्रमाण मौजूद हैं. जिन्हें मैं जांच टीम के समक्ष प्रस्तुत करूंगा. त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि उनकी सुरक्षा हटाने का निर्णय भी राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के डीजीपी ने उनके संदर्भ में असंसदीय भाषा का प्रयोग किया, जो किसी भी तरह उचित नहीं कहा जा सकता. त्रिपाठी ने हाल ही में मनातू में हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में मारे गये शहीद जवानों की शहादत की उच्चस्तरीय जांच की मांग की.
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