मेदिनीनगर. एनएसयूआइ के प्रदेश उपाध्यक्ष अमरनाथ तिवारी ने कहा कि घंटी आधारित शिक्षकों की बहाली के लिए टॉपर छात्रों का चरित्र मूल्यांकन करने की बात वीसी डॉ दिनेश सिंह ने कही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. कहा कि विद्यार्थियों के आचरण की रिपोर्ट कॉलेज के प्राचार्य द्वारा दिया जाता है. उसी के आधार पर महाविद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र सीएलसी जारी किया जाता है. ऐसे में कुलपति द्वारा छात्रों के आचरण पर सवाल उठाना पूरी तरह अनुचित है. यह छात्रों के प्रति उनके नकारात्मक रवैये को दर्शाता है. एनएसयूआइ मांग करती है कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों व शिक्षकों से संबंधित समस्याओं के समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाये. साथ ही निर्णय लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाये. एनएसयूआइ ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि प्रशासन ने छात्रों के मुद्दों पर संवेदनशील रवैया नहीं अपनाया तो संगठन चरणबद्ध आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा.
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