पाटन. प्रखंड के कई विद्यालयों में पिछले कुछ दिनों से मध्याह्न भोजन बंद है. इसका कारण चावल का आंवटन प्राप्त नहीं होना बताया जा रहा है. जबकि बीइइओ हरिप्रसाद ठाकुर का कहना है कि सभी विद्यालय को आंवटन करा दिया गया है. बावजूद इसके प्रखंड के नावाजयपुर मध्य विद्यालय, पंचकड़िया उत्क्रमित मध्य विद्यालय समेत अन्य कई विद्यालयों में आवंटन के अभाव में मध्याह्न भोजन बंद है. मध्याह्न भोजन बंद होने से बच्चों की उपस्थिति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. नावाजयपुर मध्य विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या 300 है. उपस्थिति करीब 150 से 175 के बीच में रहती है. विद्यालय में सात मई से मध्याह्न भोजन बंद है. शनिवार को मध्याह्न भोजन के वक्त कई बच्चों को कुरकुरे, लेज खाते देखा गया. इस संबंध पूछने पर शिक्षकों द्वारा बताया गया कि आवंटन का अभाव है. जिसके कारण सात मई से मध्याह्न भोजन बंद है. यही कारण है कि बच्चों को दुकान से लेकर खाना पड़ रहा है. कुछ बच्चे अपने-अपने घरों से लंच लेकर आते हैं. लेकिन जो बच्चे घर लंच लेकर नहीं आते हैं. वैसे बच्चे दुकान से कुछ फास्ट फूड लेकर खाते हैं. पंचकेड़िया उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक अरुण कुमार ने बताया कि उनके विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या 186 है. जिसमें बच्चों की उपस्थिति औसतन 110 से 125 रहती है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को 110 बच्चे उपस्थित थे. जबकि शनिवार को कुल 106 बच्चे. उन्होंने बताया कि मध्याह्न भोजन एक मई से बंद है. मध्याह्न भोजन बंद होने से बच्चों की उपस्थिति प्रभावित होती है. उन्होंने कहा कि वे भी नहीं चाहते हैं कि मध्याह्न भोजन बंद हो. लेकिन आखिर दुकानदार भी कितने दिनों तक उधार देगा. पंचकेड़ीया की मुखिया बसंती देवी ने बताया कि इस संबंध उन्होंने बीईईओ से बात की. बीईईओ द्वारा स्पष्ट कह दिया गया कि वरीय पदाधिकारी से बात कीजिए. आबंटन के अभाव में सिर्फ दो ही विद्यालय में ही मध्याह्न भोजन बंद नहीं है. बल्कि अन्य कई विद्यालयों में भी मध्याह्न भोजन बंद है.
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