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मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थी एमएमसीएच ओपीडी में करते हैं इलाज

मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थी एमएमसीएच ओपीडी में करते हैं इलाज

प्रतिनिधि, मेदिनीनगर मेदिनीराय मेडिकल कालेज अस्पताल की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है. अस्पताल के ओपीडी में मरीजों के इलाज के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति की गयी है. अक्सर यह देखा जाता है कि ओपीडी सेवा के समय विशेषज्ञ चिकित्सक नदारद रहते है और मेडिकल कालेज में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं मरीजों का इलाज करते हैं. प्रावधान के मुताबिक मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों के प्रैक्टिकल के लिए अस्पताल में भर्ती मरीजों का स्वास्थ्य जांच करना है. इसके अलावा विशेषज्ञ चिकित्सक की देखरेख में मरीजों के इलाज की जानकारी हासिल करना है. लेकिन मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल की ओपीडी सेवा मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों के भरोसे चल रहा है. सोमवार को विभिन्न विभागों के ओपीडी में मेडिकल कालेज के विद्यार्थी मरीजों का स्वास्थ्य जांच करते देखे गये.पूछे जाने पर विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सक वहां मौजूद नही थे. इस तरह पलामू में मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज की व्यवस्था चल रही है. पलामू का सदर अस्पताल मेडिकल कॉग़ लेज के अधीन संचालित हो रहा है. पलामू में मेडिकल कालेज खुलने से लोगों को यह उम्मीद जगी थी कि अब व्यवस्था में सुधार होगा और मरीजों को समुचित इलाज की सुविधा मिलेगी. अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे मरीजों ने कहा कि पूर्व से भी यहां कि व्यवस्था बदतर हो गयी है. जब सदर अस्पताल था, तो यहां इलाज व जांच की बेहतर सुविधा उपलब्ध थी. विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों का इलाज करते थे. लेकिन अब मेडिकल कॉलेज के अधीन सदर अस्पताल आने के बाद इलाज व जांच की व्यवस्था लचर हो गयी है. इलाज व जांच के लिए मरीज परेशान हैं. लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है. क्या कहते हैं मरीज मरीज अशोक कुमार सिंह ने बताया कि खांसी,बुखार के इलाज के लिए यह अस्पताल बनकर रह गया है. काफी समय तक बुखार रहने के बाद भी यहां के इलाज से मरीज स्वस्थ नहीं हो सकते है. उन्होंने बताया कि ओपीडी में मेडिकल के विद्यार्थी इलाज कर रहे है. ऐसे में बेहतर इलाज की उम्मीद नही की जा सकती. अनुभवी चिकित्सक नही थे. जांच केंद्र नहीं होने से हो रही है परेशानी रामानंद मांझी ने बताया कि पत्नी की जांच कराने के लिए एमएमसीएच पहुंचे थे. खून व लिवर की जांच कराने के लिए चिकित्सक ने बोला था. जांच केंद्र की सुविधा नहीं होने से बाहर में जाकर निजी लैब में जांच कराना पड़ा. सदर अस्पताल से भी बदतर स्थिति है इलाज कराने पहुंचे संजय कुमार पांडेय ने बताया कि एमएमसीएच होने के बाद भी इलाज का बेहतर व्यवस्था नही है. सदर अस्पताल से भी बदतर स्थित हो गयी है. ओपीडी सेवा के बाद अस्पताल का जांच केंद्र भी बंद हो जाता है. रात्रि में गर्भवती महिलाओं को जांच कराने के लिए सोचना पड़ता है. पलामू के मरीज गंभीर बीमारी के लिए दूसरे शहर के अस्पतालों पर निर्भर है.

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