प्रतिनिधि, मोहम्मदगंज
आर्द्रा नक्षत्र की पहली जोरदार बारिश ने मोहम्मदगंज स्थित काशी स्रोत डैम को जीवनदायक जल से भर दिया है. इस बारिश से डैम न केवल लबालब हो गया, बल्कि इसकी प्राकृतिक खूबसूरती भी और अधिक निखर कर सामने आयी है. डैम से निकलने वाली दोनों वितरणी लघु नहरों से अब जल का प्रवाह शुरू हो चुका है, जिससे मोहम्मदगंज वन क्षेत्र, हैदरनगर और आसपास के दर्जनों गांवों के किसान लाभान्वित हो रहे हैं. किसानों के मुताबिक बारिश की यह शुरुआत ही उनके लिए आशा की किरण बन गयी है. इस डैम में भरपूर पानी होने से खरीफ फसल की तैयारी तेजी से शुरू हो गयी है. किसान अब धान का बिचड़ा तैयार करने में जुट गये हैं.
2003 में रखी गयी थी आधारशिला
23 नवंबर 2003 को इस डैम की आधारशिला रखी गयी थी. यह डैम तीन ओर से घिरे पहाड़ों और जंगलों से निकलने वाली छोटी पहाड़ी नदियों के जल को रोक कर बनाया गया है.इसकी मुख्य जलधारा काशी स्रोत नदी है, जिससे इसका नामकरण भी हुआ. तत्कालीन विधायक संजय कुमार सिंह यादव ने अपने कार्यकाल में किसानों के हित में इस डैम के निर्माण की शुरुआत की थी। हालांकि, वर्षों बीतने के बावजूद डैम के कई महत्वपूर्ण कार्य आज भी अधूरे हैं, जिसे लेकर किसानों ने चिंता जताई है। ग्रामीणों का कहना है कि गर्मी में भी यह डैम सूखता नहीं है, इसलिए इसके संपूर्ण विकास से कृषि के साथ-साथ पर्यटन को भी लाभ मिलेगा. ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांग है कि काशी स्रोत डैम को पर्यटन स्थल के रूप में सुनियोजित ढंग से विकसित किया जाए। यह डैम पलामू जिले को एक नई पहचान दे सकता है. इसकी भौगोलिक विशेषता, प्राकृतिक खूबसूरती और स्थायी जल स्रोत इसे एक आदर्श पर्यटन केंद्र बनाने की अपार संभावना प्रस्तुत करता है.
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