पाटन ़ प्रखंड में पिछले तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. महुलिया और साकनपीढ़ी गांव के करीब दो दर्जन से अधिक किसानों की धान की फसल जलमग्न हो गयी है. खेतों में भरा पानी किसानों के लिए चिंता का कारण बन गया है. किसान योगेंद्र पांडेय, विकास पांडेय, विजय पांडेय, कृष्णा पांडेय समेत अन्य किसानों ने बताया कि लगभग 100 एकड़ भूमि में धान की फसल रोपी गयी थी, जो अब पूरी तरह पानी में डूब गयी है. खेतों से पानी निकलने की कोई संभावना फिलहाल नजर नहीं आ रही है. टंडवा डैम में पानी बढ़ा, गांव में घुसने से पहले खोले गये गेट : इधर, लगातार बारिश के कारण जिंजोई नदी पर बने टंडवा डैम में भी जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा था. डैम का पानी टंडवा गांव में घुसने ही वाला था कि बाढ़ की संभावित स्थिति को भांपते हुए डैम के दोनों गेट खोल दिये गये. गेट खुलते ही पानी सीधे नदी में छोड़ा गया, जिससे गांव में पानी घुसने की आशंका टल गई और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली. रात में लिया गया निर्णय, प्रशासन सतर्क : स्थानीय प्रशासन और जल संसाधन विभाग की सतर्कता के कारण संभावित बाढ़ से गांव बच गया. ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय पर गेट नहीं खोला जाता, तो डैम का पानी गांव में घुस जाता और स्थिति भयावह हो सकती थी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

