मेदिनीनगर. पलामू जिले के लेस्लीगंज थाना के कमलकेड़िया गांव के शहीद महिमानंद शुक्ला के घर बुधवार को सीआरपीएफ के महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह पहुंचे. उन्होंने शहीद जवान के परिजनों से मुलाकात की. शहीद जवान महिमानंद शुक्ला को श्रद्धांजलि दी और नमन किया. शहीद की पत्नी को कहा कि आपके पति ने काफी बहादुरी का काम किया है. देश की रक्षा के लिए वे अपने प्राणों की आहुति दी है. ऐसा मौका हर किसी को नहीं मिलता. सीआरपीएफ के डीजी श्री सिंह ने कहा कि आपको किसी भी प्रकार की जरूरत होगी, तो जरूर जानकारी देंगे. सीआरपीएफ परिवार आपका अंग हैं. सदैव आपके साथ खड़ा रहेगा. डीजी ने शहीद के बेटे आदित्य शुक्ला व बेटी अंशिका शुक्ला से भी बात की. बेटी अंशिका शुक्ला रांची डीएवी स्कूल में 11वीं की छात्रा है. बेटा आदित्य शुक्ला नौवीं क्लास का छात्र है. डीजी श्री सिंह ने बेटी अंशिका से पूछा कि आगे क्या करने की इच्छा है. उसने डीजी को बताया कि फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करना चाहती है. उन्होंने ढांढ़स बंधाते हुए कहा कि किसी भी तरह की कोई जरूरत होगी. तो मदद की जायेगी. डीजी ने अपना फाेन नंबर भी बच्चों को नोट कराया. डीजी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि महिमानंद शुक्ला ने देश के लिए वीरगति प्राप्त की है. शहीद जवान महिमानंद के 13वीं के कार्यक्रम में दिल्ली से यहां सम्मिलित होकर श्रद्धांजलि देने आया हूं. देश की तरफ से कृतज्ञता ज्ञापन करने आया हूं. यहां उनकी पत्नी व दोनों बच्चे से मिला. सीआरपीएफ की तरह से आश्वासन दिया गया है कि हम हर परिस्थिति में उनके साथ खड़े रहेंगे. जो भी आवश्यकता होगी, उसे पूरा किया जायेगा. सीआरपीएफ के आइजी साकेत कुमार सिंह ने भी अपना नंबर बच्चों को उपलब्ध कराया. कहा कि वह अपनी पत्नी को लाकर शहीद की पत्नी से मिलवायेंगे. शहीद हेड कांस्टेबल महिमानंद शुक्ला को एडीजी अमोल बी होमकर, सीआरपीएफ आइजी साकेत कुमार सिंह, आइजी सुनील भास्कर, डीआइजी वाइएस रमेश, सीआरपीएफ डीआइजी पंकज कुमार, पलामू एसपी रीष्मा रमेशन ने श्रद्धांजलि दी. जिला प्रशासन की ओर से डीडीसी शब्बीर अहमद मौजूद थे.
नक्सली हमले में घायल हो गये थे शहीद जवान
छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में घायल पलामू के महिमानंद शुक्ला शहीद हो गये थे. वे लेस्लीगंज प्रखंड के कमलकेडिया गांव के रहनेवाले थे. वे सीआरपीएफ की 231वीं बटालियन में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात थे. 11 फरवरी को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सल विरोधी अभियान में निकले थे. इसी दौरान आइइडी विस्फोट की चपेट में आने से गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे. गंभीर स्थिति में इलाज के लिए छत्तीसगढ़ के रायपुर में भर्ती कराया गया था. इलाज के क्रम में 20 फरवरी को उनकी मौत हो गयी.
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