37.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

नई नियोजन नीति पर CM हेमंत को भवनाथपुर विधायक ने लिखा पत्र,बोले- राजनीतिक साजिश का हिस्सा है नियुक्ति नियमावली

नई नियोजन नीति के खिलाफ भवनाथपुर विधायक भानू प्रताप शाही ने CM हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाये हैं. कहा कि बीजेपी बाहुल्य इलाके के लोगों को कमजोर करने के उद्देश्य से ऐसी नीति बनायी गयी है.

Jharkhand News (मेदिनीनगर) : भवनाथपुर के भाजपा विधायक भानू प्रताप शाही ने नई नियोजन नीति को लेकर राज्य सरकार के मंशा पर सवाल उठाया है. साथ ही कहा है कि राजनीति में सत्ता पक्ष द्वारा विपक्ष को कमजोर करने के रणनीति पर काम होता है. यह स्वाभाविक भी है, लेकिन राज्य सरकार भाजपा बहुल इलाके के किसान और नौजवानों को परेशान करने की नियत से काम कर रही है, जो आने वाले कल के लिए बेहतर नहीं है. इसलिए CM हेमंत सोरेन को इस पर विचार करना चाहिए. इसको लेकर विधायक श्री शाही ने श्री सोरेन को पत्र लिखा है.

पत्र के माध्यम से विधायक श्री शाही ने राज्य सरकार की नयी नियोजन नीति से उत्पन्न आक्रोश और राजनीतिक साजिश की जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि विपक्ष के प्रभाव वाले इलाके में सरकार के द्वारा साजिश के तहत ऐसा निर्णय लिया गया है. इससे युवाओं में भारी आक्रोश है. पूरे मामले को देखने से प्रतीत होता है कि पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर विपक्षी दल की बहुलता वाले इलाके के लोगो को कमजोर करने के लिए ऐसी नीति बनायी गयी है.

विधायक श्री शाही ने कहा है कि चुन-चुनकर सरकार वैसे इलाकों के युवाओं को ही परेशान कर रही है, जो इलाके भाजपा के परंपरागत गढ़ हैं. इसलिए इस आशंका को भी बल मिल रहा है. पलामू प्रमंडल और चतरा के नौजवान और किसानों को परेशान करने के लिए कार्य योजना तैयार की गयी है.

पत्र में श्री शाही ने सवाल उठाया है कि आखिर क्या वजह है कि झारखंड के 24 जिलों में से पलामू, गढ़वा और चतरा के किसानों से ही केवल धान नहीं खरीदा जाता है? किसानों के बाद अब इलाके के नौजवान सरकार के निशाने पर आ गये हैं. नयी नियोजन नीति में हिन्दी को हटा दिया गया है. भोजपुरी और मगही को स्थानीय भाषा नहीं मानी जा रही है. ऐसे में सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि इन इलाकों की स्थानीय भाषा क्या है?

उन्होंने कहा कि सरकार की इस नीति से यह भी प्रतीत हो रहा है कि राज्य के कुछ जिलों को सरकार झारखंड से अलग मानकर चल रही है. यदि नियोजन नीति में संशोधन नहीं किया गया, तो राज्य में गृह युद्ध जैसी स्थिति बन जायेगी. नियोजन नीति से यह भी प्रतीत होता है कि झारखंड सरकार 1932 के खतियान की जगह 2021 लागू किया है. इस परिस्थति में आखिर झारखंड के युवा कहां जायेंगे? नयी नियोजन नीति में कई विसंगति है. इसमें संशोधन जरूरी है. सरकार को सिर्फ इलेक्शन नही, बल्कि आने वाले जेनरेशन के बारे में भी सोचना चाहिए.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें