फोटो 25 डालपीएच 14 मेदिनीनगर. रक्षा मंत्रालय के सैन्य इतिहास प्रभाग व सेना चित्र प्रभाग के निदेशक व पलामू जिले के चैनपुर प्रखंड के खुर्द खुटार गांव के डॉ अमलेश कुमार मिश्र की पुस्तक ऑनर्स एंड अवार्ड्स ऑफ द इंडियन आर्म्ड फोर्सेस का विमोचन नयी दिल्ली में इंडियन मिलिट्री हेरिटेज फेस्टिवल में रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने किया. इस अवसर पर भारत सरकार एवं सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. यह पुस्तक सशस्त्र सेनाओं को राष्ट्रपति द्वारा दिये जाने वाले 15 सैन्य पुरस्कारों पर केंद्रित है. इस में प्राचीन एवं मध्य काल में दिये जाने वाले पुरस्कारों, ब्रिटिश काल में दिये जाने वाले मेडल्स, सम्मान अथवा संपत्ति तथा आजादी के बाद सभी मेडल्स, उनके रिबन, दि जाने का विधान, मेडल पहनने के तरीके तथा उससे संबंधित अन्यान्य विषयों का भी विस्तार से चित्रण किया गया है. इस विषय पर देश में प्रकाशित संभवतः यह पहली पुस्तक है. जो रक्षा मंत्रालय के कार्मिकों तथा रक्षा विषय पर अध्ययन करने वाले लोगों के लिए समान रूप से उपयोगी है. इस पुस्तक का प्राक्कथन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा लिखा गया है. उलब्ध प्रतिष्ठित सैन्य इतिहासकारो द्वारा अनुमोदित इस पुस्तक का प्रकाशन पेंटागन प्रेस नई दिल्ली ने किया है. डॉ. मिश्र कई पुस्तकों के लेखक हैं. भारत पाकिस्तान युद्ध 1971 पर संपादित इनकी एक पुस्तक डीड्स ऑफ गैलंट्री नेशनल बुक ट्रस्ट से प्रकाशित हुई है. जबकि द 1971 वार, डी के इंडिया, दिल्ली से प्रकाशित है. हिंदी भाषा में प्रकाशित डॉ. मिश्र की एक अन्य पुस्तक ””””””””प्राचीन भारतीय राजनय में गुप्तचरों का महत्व राष्ट्रपति से भी पुरस्कृत है. इनकी एक अन्य पुस्तक पराक्रम गाथा जिसमें परमबीर चक्र एवं अशोक चक्र विजेताओं की कहानी है, प्रकाशन विभाग, भारत सरकार से प्रकाशित है जबकि कालिदास द्वारा संस्कृत में रचित अभिज्ञानशाकुंतम का हिंदी अनुवाद उनकी एक अन्यतम श्रेष्ठ रचना मानी जाती है.
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