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29 करोड़ का डीपीआर बनाकर नीति आयोग को भेजा

बटाने डैम को पुनर्जीवित करने के लिए जिला प्रशासन ने की पहल

बटाने डैम को पुनर्जीवित करने के लिए जिला प्रशासन ने की पहल शिवेंद्र कुमार, मेदिनीनगर पलामू जिला के बटाने डैम को पुनर्जीवित करने के लिए जिला प्रशासन ने 29 करोड़ का डीपीआर तैयार किया है. तैयार किये गये डीपीआर को नीति आयोग को भेज दिया गया है. डीपीआर के एप्रुवल मिलने के बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. इसके बाद काम शुरू किया जायेगा. इसके पुनर्जीवित होने से आसपास के 42 गांव में पानी का जलस्तर बढ़ेगा. लोगों को खेती में सुविधा होगी. बटाने डैम के किनारे बसे गांव के लोगों को पीने का पानी मिलेगा. कृषि के क्षेत्र में विकास होगा. जिससे उनका आय का स्रोत बढ़ेगा. मछली पालन व पौधारोपण होने से भी ग्रामीणों की आय में वृद्धि होगी. बटाने नदी 23 किलोमीटर लंबा है. जो छतरपुर, नौडिहा बाजार व हरिहरगंज ब्लॉक के विभिन्न गांव से होकर गुजरती है. चेकडैम में पत्थर को लोहे की जाली से बांधा जायेगा. ताकि पत्थर गिरे नहीं. जहां नदिया संकरी हो गयी है. उसे चौड़ा किया जायेगा. नीति आयोग के अनुसार 40 इंडिकेटर है. यदि बटाने डैम को सही कर लिया गया, तब पांच इंडिकेटर में जिले की स्थिति ऊपर आ जायेगी. इससे छतरपुर, नौडीहा बाजार व हरिहरगंज तक बहने वाली नदी को पुनर्जीवित किया जायेगा. नदी के पुनर्जीवित होने से पानी को सुरक्षित किया जा सकेगा. जिससे आसपास रहने वाले लोगों को पानी की समस्या ने से निजात मिलेगी. खेतों में सिंचाई लोगों की सुविधा होगी. मालूम हो कि इसके पहले बटाने डैम से कई एकड़ खेतों में सिंचाई की जाती थी. कई जगह यह नदी सूख चुकी है. नाले में तब्दील हो चुकी है. कैचमेंट एरिया को बढ़ाया जायेगा . सीरीज चेक डैम बनाया जायेगा. कैनाल से सिंचाई की सुविधा मिलेगी. नदी किनारे 10 किलोमीटर क्षेत्र में होगा पौधारोपण बटाने नदी के 10 किलोमीटर क्षेत्र में 30 हजार से 40 हजार पौधे लगाये जायेंगे. पौधे लगने से नदी किनारे मिट्टी का कटाव कम होगा. इसके साथ ही कई चेक डैम भी बनाये जायेंगे. मनरेगा के तहत वहां के जमीन को विकसित किया जायेगा. ड्रोन के माध्यम से प्रोजेक्ट के प्रोग्रेस के बारे में मॉनिटरिंग किया जायेगा. इस कार्य में वाटर सेड डेवलपमेंट, माइनर इरिगेशन, मेजर इरिगेशन, वन विभाग व मनरेगा की मदद ली जायेगी. नदी के किनारे कंटूर खोदकर विभिन्न तरह के फलदार वृक्ष लगायें जायेंगे. जिससे आसपास रहने वाले लोगों को आय का साधन होगा. इकोसिस्टम को इंप्रूव किया जायेगा. आसपास के क्षेत्र में जंगल में बढ़ोतरी होगी. इससे जलस्तर बढ़ेगा. नदियां नाला बन चुकी है. उसे फिर से नदी का रूप दिया जायेगा. तीन प्रखंड के 42 गांवों में किया जायेगा काम बटाने डैम को पुनर्जीवित करने के लिए जिले के छतरपुर, नौडीहा बाजार व हरिहरगंज के 42 गांवों में विभिन्न तरह के कार्य किए जायेंगे. जो बटाने नदी व डैम से सटे हुए हैं. जिन 42 गांव में काम किये जायेंगे. उनमें धोबिडिह, अंबा, अररुआ कला, अररुआ खुर्द, बलरा, भंवर, बौराहा, बिशनपुर, डेमा, डुरा, झरना, कजरू कला, कजरु खुर्द, कौवाखोह, खड़गपुर, लालगड़ा, तुरी, महुवरी, मंगरा, मरार, पोखराहा, घाघरा सहित 42 गांव में विभिन्न तरह के कार्य किए जायेंगे.

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