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समाज और परिवार की सोचें
झारखंड की राज्यपाल ने कहा है कि राज्य में शिक्षा का अपेक्षित विकास नहीं हुआ है. हालांकि इस दिशा में काम हो रहा है, लेकिन अभी और काम करना है. यहां प्रतिभा की कमी नहीं है. बस जरूरत है उसे निखारने की. चैनपुर : झारखंड की राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड नया राज्य […]
झारखंड की राज्यपाल ने कहा है कि राज्य में शिक्षा का अपेक्षित विकास नहीं हुआ है. हालांकि इस दिशा में काम हो रहा है, लेकिन अभी और काम करना है. यहां प्रतिभा की कमी नहीं है. बस जरूरत है उसे निखारने की.
चैनपुर : झारखंड की राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड नया राज्य है, यहां प्रतिभा की कमी नहीं है. लेकिन राज्य नया होने के कारण शिक्षा के क्षेत्र में जो कार्य होना चाहिए था, वह अभी तक नहीं हो पाया है, इस कारण यहां शिक्षा का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है, लेकिन इस दिशा में सक्रियता के साथ काम हो रहा है.
इस राज्य की एक समस्या यह भी है कि यहां बच्चे का स्कूलों में दाखिला होता है, मगर वह बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं, इससे स्कूल से ड्रॉप आउट होने वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ रही है, इसमें सुधार लाने की जरूरत है, ताकि समाज में शिक्षा का बेहतर माहौल तैयार हो सके. राज्यपाल श्रीमती मुर्मू चैनपुर के अयोध्या कोल्हुआ में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में आयोजित समारोह में बोल रही थी.
उन्होंने कहा कि झारखंड में प्रतिभा की कमी नहीं है, बस जरूरत इस बात की है कि प्रतिभा को निखारने के लिए उन्हें उचित प्रोत्साहन मिले. उन्होंने कहा कि सिर्फ अपने बारे में नहीं, बल्कि समाज व परिवार के प्रति भी सोचना चाहिए. पहले खुद में बदलाव लायें, उसके बाद परिवार व समाज के प्रति जो दायित्व है, उसका निर्वहन करें. अपने कार्यों का आकलन भी करें, चिंतन भी करें कि कहां चूक हो रही है.
जहां गलती हो रही है, उसमें सुधार लायें, जहां बेहतर हो रहा है, उसे और कैसे बेहतर किया जाये, इसके बारे में सोचें. चिंतन के साथ-साथ चरित्र निर्माण पर भी ध्यान दें. क्योंकि चरित्र से बड़ा धन कोई नहीं है. यदि चरित्र के गिरने से व्यक्ति सबकुछ खो देता है. उन्होंने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान पर भी चर्चा की.
कहा कि बेटी बचाने के लिए भ्रूण हत्या पर रोक जरूरी है, यहसमझने की जरूरत है कि बेटी न होगी, तो सृष्टि नहीं चलेगी. लेकिन सिर्फ भ्रूण हत्या रोकने से ही काम नहीं चलेगा. बल्कि इसके लिए यह जरूरी है कि दहेजरहित विवाह की परंपरा विकसित हो. झारखंड में बाल-विवाह भी एक समस्या है. पर लोग यह सोचते हैं कि इसे रोकना सिर्फ शासन व प्रशासन का काम है, पर ऐसा नहीं है.
बाल-विवाह रूके, इसके लिए जनजागरूकता जरूरी है. जहां कहीं भी कोई बाल-विवाह हो रहा है तो उसे रोकने के लिए समाज के लोगों को आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा कि समाज के लोगों को साथ लेकर चलना चाहिए. कार्यक्रम की शुरुआत में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की वार्डेन फुल कुमारी ने राज्यपाल का स्वागत किया. वार्डेन फुल कुमारी ने विद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. बताया कि चैनपुर में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की स्थापना दो दिसंबर 2005 को हुई थी.
यहां की छात्राएं न सिर्फ पढ़ाई में, बल्कि खेलकूद में भी अपनी प्रतिभा को साबित किया है. छात्राओं का सर्वांगीण विकास हो, इस पर फोकस कर कार्य किया जा रहा है. मौके पर उपायुक्त अमित कुमार, पुलिस अधीक्षक मयूर पटेल, प्रशिक्षु आईएएस दिब्यांशु झा, जिला शिक्षा पदाधिकारी रतन कुमार महावर, बीडीओ मनोज तिवारी, बीइइओ जवाहर प्रसाद, स्नेहलता पॉल, अमिता कुमारी, प्रमिला कुमारी, सुमित कुमार, अशोक दुबे सहित कई लोग शामिल थे.
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