पदाधिकारी द्वारा निर्गत पत्र से उठे सवाल
– राकेश पाठक –
मेदिनीनगर : क्या नगर पर्षद में काम करनेवाले सफाई जमादार भी पदाधिकारी रैंक में आते हैं? यह सवाल उठ रहा है नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा निर्गत पत्र के बाद, क्योंकि मेदिनीनगर नगर पर्षद में वार्ड जमादार को बतौर सचिव नियुक्त कर दिया गया है.
झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 के मुताबिक सभी वार्डो में वार्ड समिति का गठन करना है. समिति में वार्ड पार्षद अध्यक्ष होंगे और सचिव कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा नामित कोई पदाधिकारी होगा, पर मेदिनीनगर नगर पर्षद में जो वार्ड समिति गठित है, उसमें सफाई जमादार को वार्ड समिति का सचिव बना दिया गया है तथा कहा गया कि वार्ड पार्षद से संपर्क कर समिति के गठन की प्रक्रिया पूरी करें. इसके आलोक में प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है.
अब इस प्रक्रिया पर सवाल उठ रहा है. अधिनियम की धारा 34 एक के मुताबिक नगर पर्षद के चुनाव के दो माह के अंदर प्रत्येक वार्ड के लिए समिति का गठन करना था. पर ऐसा नहीं हुआ. चुनाव के छह माह से अधिक गुजर जाने के बाद समिति का गठन नहीं हुआ है. अधिनियम की धारा 34 के पांच में यह कहा गया है कि नगर आयुक्त या कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा नामित कोई पदाधिकारी ही वार्ड समिति का सचिव होगा.
नगर पर्षद बोर्ड की 26 नवंबर को संपन्न बैठक में वार्ड पार्षद जीतेंद्र कुमार सिंह द्वारा यह प्रस्ताव लाया गया कि अभी तक वार्ड समिति का गठन नहीं किया गया, इसलिए तहसीलदार की जगह वार्ड जमादार को ही वार्ड समिति का सचिव नियुक्त कर दिया जाये.
इसी के आलोक में 30 नवंबर को कार्यपालक पदाधिकारी अरुण कुमार भारती द्वारा आदेश भी निर्गत कर दिया गया और जमादारों को अपने वार्ड क्षेत्र के पार्षद के संपर्क कर वार्ड समिति का गठन करने का निर्देश दिया गया है.