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जीपीएस से होगी वन विभाग की योजनाओं की मॉनिटरिंग

जीपीएस से होगी वन विभाग की योजनाओं की मॉनिटरिंग पॉलीगन और प्वाइंट डाटा के आधार पर अनुश्रवण का निर्देश वरीय संवाददातारांची. वन विभाग की योजनाओं की मॉनिटरिंग जीपीएस की सहायता से करने का आदेश दिया गया है. पॉलीगन और प्वाइंट डाटा के आधार पर अनुश्रवण, डाटा संग्रह करने को कहा गया है. वन विभाग के […]

जीपीएस से होगी वन विभाग की योजनाओं की मॉनिटरिंग पॉलीगन और प्वाइंट डाटा के आधार पर अनुश्रवण का निर्देश वरीय संवाददातारांची. वन विभाग की योजनाओं की मॉनिटरिंग जीपीएस की सहायता से करने का आदेश दिया गया है. पॉलीगन और प्वाइंट डाटा के आधार पर अनुश्रवण, डाटा संग्रह करने को कहा गया है. वन विभाग के पीसीसीएफ बीसी निगम ने इससे संबंधित आदेश जारी किया है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार वनों के प्रबंधन, संरक्षण, संवर्द्धन तथा विकास के कार्यों का अनुश्रवण जीपीएस के आधार पर तय सटेलाइट के माध्यम से कर रही है. इसके लिए भारत सरकार ने डिसिजन सपोर्ट सिस्टम सॉफ्टवेयर लांच किया है. झारखंड में भी इसी संदर्भ में छह जीअाइएस सेल की स्थापना की गयी है. यह प्रत्येक प्रक्षेत्र मुख्यालय में है. विकास से संबंधित कार्यों का होगा निरीक्षणइसके माध्यम से वन विभाग के विकास कार्यों का निरीक्षण हो सकेगा. इससे काम में पारदर्शिता भी आयेगी. नागरिकों को केंद्र में रखकर योजना का निर्माण भी हो सकेगा. विभाग ने इसके लिए एक प्रक्रिया निर्धारित कर दी है. इसी के तहत सभी जिलों को काम करना है. काम शुरू होने से पूर्व तैयार करना है पॉलीगन विभाग आदेश दिया है कि प्रत्येक वन रोपण स्थल के साथ-साथ अन्य कार्यों पर अग्रिम कार्य शुरू करने से पूर्व या कार्य कराने के क्रम में जीपीएस के माध्यम से पॉलीगन या प्वाइंट डाटा तैयार कर लेना है. वन प्रमंडल पदाधिकारियों (डीएफओ) को निर्देश दिया गया है कि बिना डिजिटल मैपिंग के किसी भी हालत में एडवांस नहीं देना है. डीएफओ को निर्देश दिया गया है कि जीपीएस डाटा की एक सॉफ्ट कॉपी वन संरक्षक और क्षेत्रीय वन संरक्षक को भी उपलब्ध करायें. विभागीय वेबसाइट पर भी पॉलीगन या प्लाइंट डाटा उपलब्ध होना चाहिए. इससे यह गुगल अर्थ पर आसानी से देखा जा सकेगा. क्या है पॉलीगन किसी स्थल को जीपीएस के माध्यम से चिह्नित करने को पॉलीगन कहा जाता है. इसकी मार्किंग जीपीएस के माध्यम से होती है. गुगल अर्थ में सर्च करने पर चिह्नित जमीन दिखाता है. वहां क्लिक करने पर चिह्नित इलाका की पूरी वास्तविक स्थिति दिखती है.

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