चुनावी मुद्दाप्रतिनिधि, विश्रामपुर(पलामू).विश्रामपुर को नगर पंचायत का दर्जा मिला. इसके गठन के बाद जब दूसरी बार चुनाव हो रहा है, तब विश्रामपुर को नगर पर्षद का दर्जा मिल चुका है. जब नगर पंचायत का गठन हो रहा था, तो उस समय यह कहा गया कि बेहतर सुविधा मिलेगी. साफ-सफाई की व्यवस्था होगी. ऐसे वक्त में जब केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक का जोर सफाई अभियान पर है,वैसे समय में सफाई अभियान बोर्ड के एजेंडे में नहीं रहा. स्थिति यह है कि विश्रामपुर नगर पंचायत के अंतर्गत आने वाले सार्वजनिक स्थलों पर न तो मूत्रालय की व्यवस्था और न ही शौचालय की. चाहे किसी भी वार्ड में चले जाइए, गंदगी का अंबार मिलेगा. बजबजाती नाली सड़कों पर बहता है. सफाई की कोई व्यवस्था नहीं. पांच साल के बाद भी सफाई के नाम पर एक भी कर्मी की बहाली नहीं हुई. न तो कार्यालय ठीक ढंग से चला और न ही कार्यपालक पदाधिकारी की ही स्वतंत्र पोस्टिंग हुई. सबकुछ रामभरोसे ही चला. पांच साल बीत गये, ऐसे में जब दुबारा चुनाव हो रहा है, तो मुद्दा यही है कि क्या इस बार स्थिति में बदलाव होगा, या फिर पांच साल यूं ही गुजर जायेगा. लोगों का कहना है कि साफ-सफाई का मुद्दा इस बार अहम मुद्दा है,क्योंकि पांच साल तक केवल उनलोगों को यही सुनने को मिला कि जल्द ही सफाईकर्मी बहाल होंगे, व्यवस्था होगी, पर हुआ कु छ नहीं.
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विश्रामपुर…ओके…हर तरफ गंदगी ही गंदगी(फोटो)
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