मेदिनीनगर : कृषि के दृष्टिकोण से आर्द्रा नक्षत्र काफी महत्वपूर्ण होता है. लेकिन इस बार इस नक्षत्र के शुरू होने के बाद बारिश हुई, लेकिन वह कृषि के दृष्टिकोण से पर्याप्त नहीं है. आंकड़ों पर गौर करें, तो जून माह में सामान्य वर्षापात 152.4 है. इसके विरुद्ध 74 मिलीमीटर बारिश हुई है. ऐसे में किसानों की चिंता भी स्वाभाविक है कि आखिर इस स्थिति में खेती हो तो कैसे. क्योंकि खेती के लिए पलामू के किसान मॉनसून पर ही निर्भर रहते हैं.
जिस साल बारिश अच्छी हुई, खेती अच्छी होती है और जिस साल मॉनसून ने धोखा दिया, उस साल किसान लाचार परेशान होकर अपने भाग्य को कोसते हैं. क्योंकि इसके अलावा उनके पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है. अभी तक पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. हालात ऐसे रहे, तो फिर से पलामू में सुखाड़ की स्थिति हो सकती है. वैसे कृषि वैज्ञानिक कह रहे हैं कि अभी भी बहुत कुछ नहीं बिगड़ा है. यदि जुलाई माह में अपेक्षित बारिश हो गयी, तो स्थिति में सुधार संभव है.
किसानों की परेशानी
किसानों की परेशानी यह है कि अभी तक सरकारी स्तर पर उनलोगों को खाद – बीज नहीं मिला है. किसानों का कहना है कि अक्सर यही होता है. जब समय निकल जाता है, तब सरकारी स्तर पर किसानों के लिए खाद बीज भेजा जाता है. ससमय खाद – बीज उपलब्ध होने से किसानों को लाभ होगा.