मेदिनीनगर : उत्तर कोयल परियोजना के विशेष भू-अर्जन पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार सिन्हा कार्यालय कर्मियों का पैसा अपने एकाउंट में रखते हैं. कुछ दिन के बाद उसका नगद भुगतान करते हैं. जबकि प्रावधान है कि किसी भी सरकारी कर्मी का वेतन या अन्य भत्ता का पैसा उनके निजी खाते में जायेगा.
इसे लेकर वित्त विभाग ने निर्देश भी जारी किया है. पर प्रावधान और निर्देश की अनदेखी कर विशेष भू-अर्जन पदाधिकारी ने कर्मियों का पैसा अपने एकांउट में ट्रांसफर करा लिया गया. अब इसके खिलाफ आवाज उठ रही है. जांच की मांग की जा रही है.
क्या है मामला
उत्तरी कोयल परियोजना कार्यालय के विशेष भू-अर्जन पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार सिन्हा हैं. बताया जाता है कि मार्च में बिल नंबर 54/2012-13 के माध्यम से छह कर्मियों के वेतन की निकासी की गयी. आरोप है कि इन सभी कर्मियों का पैसा उनके खाते में जाने की बजाय भू-अर्जन पदाधिकारी ने अपने खाते में ले लिया.
उसके बाद कर्मियों को कैशियर के माध्यम से नकद भुगतान कराया. इसमें भी गड़बड़ी की शिकायत है. पंजी से भी छेड़छाड़ करने का आरोप है. जानकारी के मुताबिक कार्यालय में चपरासी के पद पर कार्यरत देवेंद्र प्रसाद सिंह का मार्च 2010-जुलाई 2012, सहायक प्रेम कुमार तीगु का जुलाई 2010-जनवरी 2013 तक, जंजीर वाहक दयानंद खलखो का जुलाई 2010-फरवरी 2013, लक्ष्मी पासवान ,कन्हैया प्रसाद सिंह का भुगतान एक मुश्त कराया गया है.
कर्मियों ने विशेष भू-अर्जन पदाधिकारी पर आरोप लगाया है कि उन्हें विभागीय गाड़ी मिली है. उसे वह रांची में रखते हैं. कार्यालय में आते भी नहीं हैं.
– अजीत मिश्र –