प्रतिनिधि, पाकुड़. जिलेभर में दुर्गापूजा का भव्य समापन गुरुवार को विजयादशमी के साथ ही हो गया. हल्की बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था पर कोई असर नहीं पड़ा. हर पूजा पंडाल में लोग मां दुर्गा के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे. सुहागिनों ने मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित कर विदाई दी. एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर सुहागिन रहने की मंगलकामना की. शहर के विभिन्न पूजा पंडालों से मां दुर्गा की प्रतिमा को विसर्जन यात्रा के माध्यम से विदा किया गया. ढोल-नगाड़ों की थाप पर श्रद्धालु नाचते-गाते झूमते रहे. मां दुर्गा की जय और आश्छे बोछोर आबार आसबे जैसे जयकारे से वातावरण गूंजता रहा. विसर्जन यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने निर्धारित मार्ग से होकर प्रतिमाओं का विसर्जन किया. किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था किया था. जगह-जगह बैरिकेडिंग कर वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई गयी थी. जिले के वरीय पदाधिकारी स्वयं मौजूद रहकर यात्रा की स्थिति का जायजा लेते रहे.
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