प्रतिनिधि, पाकुड़/महेशपुर/पाकुड़िया
शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की. अमड़ापाड़ा प्रखंड मुख्यालय स्थित वैष्णवी दुर्गा मंदिर में बनारस से आए आचार्य सुनील मिश्र व नागेश मिश्र ने मंत्रोच्चारण कर पूजा संपन्न कराई. यजमान के रूप में पूजा समिति के अध्यक्ष संजीव कुमार उर्फ बबलू भगत थे. उन्होंने कलश पर जल, फूल, बेलपत्र, अबीर आदि अर्पित कर पूजा की. आचार्य ने बताया कि मां ब्रह्मचारिणी तप का आचरण करने वाली देवी हैं. इनकी आराधना से बुद्धि, आत्मविश्वास और संयम में वृद्धि होती है. इसी क्रम में महेशपुर प्रखंड के डुमरचिर, बासमती, देवीनगर, काठशल्ला, सीलमपुर, श्मशान दुर्गा मंदिर व महेशपुर सार्वजनिक दुर्गा मंदिरों में भी श्रद्धालुओं ने उपवास रखकर मां ब्रह्मचारिणी का पूजन किया. पुरोहितों ने बताया कि मां ब्रह्मचारिणी के एक हाथ में जपमाला और दूसरे हाथ में कमंडल रहता है. देवी ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए वर्षों तक कठोर तप की थी. वहीं, पाकुड़िया प्रखंड क्षेत्र में कलश स्थापना के बाद नवरात्र के दूसरे दिन मां शक्ति के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की गयी. पंडित अरुण कुमार झा ने बताया कि मां ब्रह्मचारिणी तप और साधना का प्रतीक हैं.अमड़ापाड़ा में दुर्गापूजा की तैयारियां जोरों पर
इधर, अमड़ापाड़ा में दुर्गापूजा की तैयारी जोर-शोर से जारी है. वैष्णवी दुर्गा मंदिर परिसर में 4950 वर्गफुट में भवननुमा पंडाल व शिव-पार्वती मंदिर में 7000 वर्गफुट में विशाल पंडाल का निर्माण अंतिम चरण में है. प्रतिदिन 20 कारीगर देर रात तक काम कर रहे हैं. पंडाल निर्माण कर रहे भगत डेकोरेटर के उत्तम भगत ने बताया कि इस वर्ष आकर्षक विद्युत सज्जा और भव्य डिजाइन से पंडाल को खास रूप दिया जा रहा है. पूजा समिति के दीपू भगत, सरोज मंडल, रितेश मंडल, राज आनंद, मनोज भगत, संदीप ओझा, विजय भगत आदि तैयारियों में जुटे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

