पाकुड़ नगर. झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम, 2017 के तहत जिले के सभी निजी विद्यालयों में शुल्क समिति का गठन किया जायेगा. इस संबंध में उपायुक्त ने जिले के सभी निजी विद्यालयों के प्राचार्यों को निर्देश जारी किया है. झारखंड राज्य के शिक्षा सचिव के पत्र के आलोक में यह निर्णय लिया गया है, जिसके तहत निजी विद्यालयों में शुल्क संबंधी एकरूपता लाने और मनमानी पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से प्रत्येक विद्यालयों में शुल्क समिति का गठन अनिवार्य किया गया है. अधिनियम की धारा 7(अ)(1) के तहत प्रत्येक निजी विद्यालयों में विद्यालय स्तरीय शुल्क समिति बनाई जायेगी. वहीं धारा 7(अ)(2) के तहत उपायुक्त की अध्यक्षता में जिलास्तरीय समिति गठित होगी, जो निर्धारित शुल्क के विरुद्ध मामलों पर निर्णय लेगी. इसके अलावा, धारा 7(अ)(5) के अनुसार, यदि कोई निजी विद्यालय अधिनियम या इससे जुड़े नियमों का उल्लंघन करता है, तो संबंधित प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त को कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है.
15 दिनों में शुल्क समिति गठन कर दें रिपोर्ट
झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम, 2017 के अनुपालन में उपायुक्त ने पंद्रह दिनों के भीतर सभी निजी विद्यालयों को शुल्क समिति का गठन कर उसकी रिपोर्ट साक्ष्य सहित जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय, पाकुड़ में जमा करने का निर्देश दिया है. विद्यालयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर इस आदेश का अनुपालन करे, अन्यथा नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.हाइकोर्ट ने खारिज की निजी विद्यालयों की याचिका
गौरतलब है कि झारखंड हाइकोर्ट में सीबीएसइ से मान्यता प्राप्त 37 निजी विद्यालयों की ओर से शुल्क विनियमन से जुड़े प्रावधानों के खिलाफ याचिका दायर की गयी थी. झारखंड हाइकोर्ट के खंडपीठ ने 14 मार्च 2024 को सभी याचिकाएं वापस लिए जाने के आधार पर खारिज कर दी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है