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गांव में रोजगार के अवसर पैदा किये जायें

मोंगलाबांध गांव में आयोजित प्रभात संवाद कार्यक्रम में ग्रामीणों, युवाओं और जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। चर्चा का मुख्य केंद्र रोजगार की कमी थी, जिससे युवाओं को पलायन करना पड़ रहा है। उच्च शिक्षा के बाद भी स्थानीय रोजगार उपलब्ध नहीं हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से लघु उद्योग, स्वरोजगार योजनाओं और कौशल विकास प्रशिक्षण की मांग की ताकि स्थानीय रोजगार सृजित हो। साथ ही, सरकारी योजनाओं की जानकारी समय पर न मिलने की समस्या भी उठाई गई। विभिन्न वक्ताओं ने गांव में उद्योग स्थापना, कौशल विकास केंद्र, सरकारी नौकरी और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने पर जोर दिया ताकि युवा गांव में रहकर अपना भविष्य बना सकें और पलायन रुके।

प्रभात संवाद.. मोंगलाबांध गांव में किया गया प्रभात संवाद कार्यक्रम का आयोजन

प्रतिनिधि, पाकुड़िया. प्रखंड के मोंगलाबांध गांव में प्रभात संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणों, युवाओं और जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया. संवाद का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण समस्याओं की पहचान कर उनके समाधान के लिए ठोस पहल करना था. कार्यक्रम की शुरुआत में लोगों ने गांव की बुनियादी समस्याओं जैसे सड़क, बिजली और स्वच्छ पानी पर चर्चा की. हालांकि, जल्द ही चर्चा का केंद्र बेरोजगारी का मुद्दा बन गया. युवाओं ने खुलकर अपनी बात रखते हुए कहा कि क्षेत्र में रोजगार के अवसरों की भारी कमी है, जिसके कारण उन्हें पलायन करना पड़ रहा है. कई युवाओं ने बताया कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की कि क्षेत्र में लघु उद्योग, स्वरोजगार योजनाओं और कौशल विकास प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाये, ताकि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा हों. उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी योजनाओं की जानकारी गांव तक समय पर नहीं पहुंचती, जिससे कई लाभार्थी वंचित रह जाते हैं.

बोले लोग

हमारे गांव के युवा बेरोजगार हैं. खेती से परिवार नहीं चलता. अगर सरकार गांव में कोई उद्योग लगाए तो बाहर काम करने नहीं जाना पड़ेगा.

-विजय वर्मा

सरकार को गांव में रोजगार देने पर ध्यान देना चाहिए. मजदूरी के लिए यहां के लोगों को शहर जाना पड़ता है. यहां काम मिले तो लोग अपने परिवार के साथ रह सकेंगे.

– विनय ठाकुर

बेरोजगारी इतनी है कि पढ़े-लिखे लड़के भी खाली बैठे हैं. अगर स्वरोजगार का प्रशिक्षण मिले तो हम अपना काम शुरू कर सकते हैं.

-तपन मंडल

हम चाहते हैं कि सरकार गांव में युवाओं के लिए कौशल विकास केंद्र खोले. ताकि युवा हुनर सीखकर कमाई कर सकें और पलायन रूक सके.

-सुखू मड़ैया

गांव में रोजगार की सुविधा न होने से लोग बाहर जा रहे हैं. यहां रोजगार पैदा हो तो गांव में लोग रहकर अपनी आजीविका अच्छी तरह से चला सकेंगे.

-संजय साहा

गांव वालों की सबसे बड़ी समस्या है कि गांव में कोई काम नहीं है. अगर प्रशासन सहयोग करे तो छोटे-छोटे व्यवसाय लोग शुरू कर सकते हैं.

– मिहिर मंडल

सरकार की योजनाओं की जानकारी ग्रामीणों को समय पर नहीं मिल पाता है. अगर लोगों को समय पर जानकारी मिले तो लोगों को काफी सुविधा होगी.

– दुलड़ मुर्मू

हम चाहते हैं कि यहां युवाओं के लिए सरकारी नौकरी की भर्ती और स्वरोजगार योजना लायी जाये, ताकि युवा गांव में रहकर ही अपना भविष्य बना सकें.

-मो. इरफान

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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